पटना में रेमडेसिविर की कालाबाजारी, कोरोना संक्रमितों के ठीक होने के बाद भी हॉस्पिटल खरीदता रहा इंजेक्शन

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। पटना कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है. ड्रग इंस्पेक्टर ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दानापुर के समय अस्पताल के मेडिको में छापेमारी की. मेडिको पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के डिस्चार्ज के बाद भी इस इंजेक्शन की प्राप्ति का आरोप लगा है.

इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर मो. क्यूमुद्दीन अंसारी ने स्थानीय थाना में समय मेडिको के मालिक सोनल सिंह व उनके पति डॉ. अखिलेश कुमार सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज किया है.दर्ज प्राथमिकी में ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के बारे में पिछले एक अप्रैल से 14 मई तक की क्रय का विवरण है. 867 फाइल जीएम रोड पटना के फार्मा से खरीदारी की गई थी. छापेमारी दल के सामने 734 रेमडेसिविर इंजेक्शन विक्रय करने की विवरणी प्रस्तुत की गई है.महंगे दामों पर बेचने की थी तैयारी

जांच के दौरान 66 फाइलों को विक्रय के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया था. साथ ही कोरोना संक्रमित तीन मरीज को 22 अप्रैल को डिस्चार्ज होने के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया गया है. ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि इंजेक्शन की कीमत 3400 रुपये है. उसके बाद समय मेडिको द्वारा 4700 रुपये में मरीजों को बेचा जाने वाला था. अस्पताल प्रबंधन द्वारा जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम समेत अन्य अधिनियमों का उल्लंघन है. साथ ही अस्पताल प्रशासन द्वारा गलत सूचना भी दी गई.

छापेमारी दल में ड्रग इंस्पेक्टर संजय कुमार पासवान व शशि भूषण कुमार सिन्हा शामिल थे.’ड्रग इंस्पेक्टर ने समय मेडिको के मालिक के विरुद्ध इंजेक्शन की कालाबाजारी करने समेत कई अन्य आरोप लगाए हैं. मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है.’

 

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