बोकारो: कॉमर्शियल माइनिंग व मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध, श्रमिक संगठनों ने किया हड़ताल

Sanjeev Shrivastava


शशिकांत, बोकारो
बोकारो: जिले में कॉमर्शियल माइनिंग व मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हड़ताल किया आयोजन किया गया। इसमें क्षेत्र के कथारा, जारंगडीह, करगली व ढोरी परियोजना के खुली खदान में हड़ताल को सफल बनाने के लिए मुख्य द्वार, सड़क समेत कई जगहों पर श्रमिक संगठनों ने पूरे जोश से प्रदर्शन किया तथा प्रबंधन विरोधी नारे लगाये। संगठनों ने कथारा, ढोरी, कल्याणी परियोजना, गोविन्दपुर फेज टू परियोजना, स्वांग वाशरी तथा कथारा वाशरी में भी इमरजेंसी ड्यूटी को छोड़कर सभी परियोजनों में उत्पादन व डिस्पैच कार्य को पूरी तरह से ठप्प रखा।

इन संगठनों ने संयुक्त रूप से कहा कि आत्मनिर्भर भारत निर्माण की बात कहकर कॉमर्शियल माइनिंग का फैसला मजदूर हितों में नहीं है और सरकार जल्द ही अपने मजदूर विरोधी फैसले को वापस ले। वहीं श्रमिक संगठनों के नेताओं ने कथारा मुख्य महाप्रबंधक पर हड़ताल के दौरान माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया। सभी मजदूरों ने जारंगडीह परियोजना के खुली खदान परिसर में जीएम द्वारा किए गए व्यवहार से ही सड़क पर बैठने का फैसला किया। हालांकि प्रबंधन की ओर से उनका पक्ष जानने के लिए जारंगडीह परियोजना पदाधिकारी संजीव कुमार से हड़ताल के संदर्भ में सवाल भी किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हड़ताल के दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखा।

बंद को लेकर ढोरी जीएम ने कहा कि बंदी राष्ट्रीय हित के लिए नुकसान है और अभी पहला फेज में नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है पर बंदी में तो नुकसान होगा ही। हडताल के दौरान जरूरत पडने पर प्रशासन को किस तरह से निबटना है, यह बातें मीटिंग कर के पहले ही बता दी गयी है।

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