NEWSPR DESK- पटनाः BPSC पेपर लीम मामले में आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी फिलहाल अब अभ्यर्थियों की पहचान के साथ-साथ उनसे किस तरह से पैसे की लेनदेन हुई थी। इस पर सॉल्वर गैंग के रिमांड पर लिए गए सुधीर कुमार सिंह और राजेश कुमार से रिमांड पर लेकर सघन पूछताछ की इस दौरान कई अभ्यर्थियों को भी चिन्हित किया गया। ये ऐसे अभ्यर्थी हैं जो इस सिंडिकेट के संपर्क में बने हुए थे और पैसों के मायाजाल पर अफसर बनने का ख्वाब देख रहे थे। एसआईटी को पेपर लीक कांड में अभी तक बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन के सबूत मिल चुके हैं।
ज्यादातर पैसे यूपीआई के माध्यम से लिए गए हैं। हालांकि इस गिरोह का कोई फिक्स रेट नहीं था, जैसे अभ्यर्थी थे उसी के हिसाब से उनसे पैसे की डील की गई थी। सूत्रों की माने तो सॉल्वर गैंग के सदस्य सुधीर कुमार सिंह द्वारा पैसे का बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया था। सॉल्वर गैंग के सरगना पिंटू यादव के अलावा सुधीर ही वह शख्स था है जिसके पास अभ्यर्थियों से लेनदेन के तमाम सबूत एसआईटी को मिले हैं। गैंग का सरगना पिंटू यादव अभी फरार चल रहा है।
सुधीर से यह राज उगलवाने में साहित्य की टीम लगी हुई है कि कौन-कौन से अभ्यर्थी अब तक पैसे दे चुके थे। सुधीर और रमेश से गिरोह के संपर्क में रहे BPSC के अभ्यर्थियों को लेकर कई अहम जानकारी SIT को मिली है। एसआईटी के अधिकारियों द्वारा सॉल्वर गैंग के दोनों सदस्यों से कई तरह के सवाल जवाब किए गए। SIT ने इनसे पूछताछ के पहले अपनी तरफ से खासी तैयारी कर रखी थी।
अब तक डेढ़ से दो दर्जन अभ्यर्थियों की पहचान भी कर ली गई है जो गिरोह के संपर्क में थे। उनके खिलाफ पैसे के लेनदेन के को साक्ष्य के तौर पर एसआईटी अनुसंधान में उपयोग में लाएगी। SIT को पेपर लीक कांड में अभी तक बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन के सबूत मिल चुके हैं।
ज्यादातर पैसे यूपीआई के माध्यम से लिए गए हैं। लेकिन कब किससे और कितनी रकम मंगाई है भेजी गई है इसकी पुख्ता जानकारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने यूपीआई से जुड़ी कंपनियों से जानकारी मांगी है। इसके बाद उन सभी की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी कार्रवाई शुरू करेगी। साक्ष्य के तौर पर लेन-देन को एसआईटी अनुसंधान में शामिल करेगी।