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BPSC Topper’ Story: पिता चलाते थे ऑटो, पापा को परेशानी में देख बहुत दुखी हुए, आज बनेंगे अफसर

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बिहार लोक सेवा आयोग ने बीपीएससी 64वीं परीक्षा का रिजल्‍ट जारी कर दिया. इस परीक्षा से राज्य को 1465 सीटों के बदले 1454 अधिकारी मिले हैं. बीपीएससी की इस भर्ती परीक्षा के लिए 4 लाख 71 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. बिहार प्रशासनिक सेवा के अनुमंडल पदाधिकारी व वरीय उप समाहर्ता के 28, बिहार पुलिस सेवा के 40, वाणिज्य कर पदाधिकारी 10, बिहार कारा सेवा के काराधीक्षक दो, आपूर्ति निरीक्षक 223, राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष 571, नगर कार्यपालक पदाधिकारी सात, प्रखंड पंचायत पदाधिकारी के 133 पद पर नियुक्ति की गई है.

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बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली संयुक्‍त प्रतियोगिता परीक्षा एक ऐसी परिक्षा है जिसमें सफल होने वालों की सफलता की कहानियां लोग जरूर जानना चाहते हैं. खासकर जो इस परिक्षा में सफल होने का और देश सेवा करने का ख्वाब देखते हैं. बिहार लोक सेवा आयोग की परिक्षा राज्‍य में नौकरियों के लिए होने वाली सबसे उच्‍च स्‍तर की परीक्षा मानी जाती है. बीपीएससी 64वीं संयुक्त परीक्षा का रिजल्‍ट जारी हो चुका है, जिसमें ओम प्रकाश गुप्ता टॉपर बने, जबकि सुपौल निवासी यूपीएससी सफल विद्या सागर को दूसरा स्थान मिला.

Ajit
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इस बीच सफलता की कहानी उनकी बहुत ज्यादा मशहूर हो जाती है जो गरीबी में एकमात्र अपने पढ़ाई को ही अपना साथी मानते हैं. ऐसे ही युवा हैं अजीत जो पटना के कंकड़बाग में अशोक नगर के रहने वाले हैं. इनकी सफलता की कहानी बहुत अलग है. अजीत मध्यम परिवार से आते हैं. उनके पिता वीरेंद्र प्रसाद डीएवी ट्रांसपोर्ट नगर के लिए ऑटो चलाते थे.

BPSC 64th Final Result: बिहार लोक सेवा आयोग का रिजल्ट जारी, ओम प्रकाश गुप्ता बने टॉपर - Bihar public service commission 64th combined competitive examination result declared know details LBSE - AajTak

अजीत कहते हैं वो हमेशा अपने पापा को परेशानी में देखतें थे. अजीत का बचपन से सपना था कि वो एक अधिकारी बने, इसलिए पढ़ाई को कभी भी नहीं छोड़ा. अजीत आगे कहते हैं कि साल 2012 में वो दुबई में आयल एंड गैस कंस्ट्रशन कंपनी में नौकरी करने लगे तब पिता ने ऑटो चलाना छोड़ दिया. अजीत 2017 तक दुबई में रहे. उसके बाद लौटकर बिहार लोक सेवा आयोग की परिक्षा की तैयारी में जुट गए. और हर दिन 8-10 घंटे पढ़ाई करते थे. पढ़ाई की बदौलत ही उन्हें आज छठी रैंक हासिल हुई है. अजित के पढ़ाई के इस जज्बे को सलाम है…

परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन
ये फैले हुए उनके पंख बोलते है
और वही लोग रहते है खामोश अक्सर
ज़माने में जिनके हुनर बोलते है

https://youtu.be/YgQysgGe3CE

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