PATNA : राजधानी पटना एक बार फिर से कचरा से पाटने वाली है। क्योंकि पटना नगर निगम के चतुर्थवर्गीय दैनिक कर्मचारी जो डोर-टू-डोर कचरा उठाव करते हैं उन्होंने चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के बैनर तले आज (गुरूवार) से अनिश्चितकाल हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
दरअसल इन सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि, सफाई कार्य पर आंशिक असर पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ 10 सितंबर से निगम के संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति ने भी हड़ताल की घोषणा की है। लेकिन आज से शरू गुरूवार से होने वाले हड़ताल को लेकर चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अशोक प्रभाकर ने इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए सहयोग मांगा है। और उम्मीद जताई है कि वह इस हड़ताल को सफल बना पाएंगे।
दरअसल पटना नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मियों की मांग है कि दैनिक भत्ता वाले सफाई कर्मियों की नौकरी स्थायी की जाए, सरकार अपने नीजिकरण के फैसले वापस ले, आउटसोर्सिंग कार्यरत कर्मियों को बहाल करें।, समान काम के लिए समान वेतन औऱर सफाई कर्मियों को 25000 रूपया का दुर्घटना बीमा और इपीएफ (EPF) कटौती कर दोनों राशी को बैंक में जामा करें। इसके साथ ही अगर ऐसा नहीं होता हैं तो इसके खिलाफ कर्मचारी लगातार हड़ताल जारी रखेंगे। हलांकि हड़ताल को लेकर पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने कर्मचारियों के हड़ताल की घोषणा से पहले ही कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा है कि कोविड-19 में सफाई को लेकर स्थिति खराब ना हो जाए इसलिए कर्मचारी काम करते हुए आंदोलन करें।
आपको बता दें कि पटना नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों ने लगभग 7 महिने पहले भी अपनी कई मांगों को लेकर राजधानी सहित सूबे के बाकी अन्य नगर निगम में भी इसका असर देखने को मिला था। इस दौरान कर्मचारियों ने शहर की सफाई ठप कर दी थी और तो और प्रदर्शन के दौरान पटना नगर निगम के कर्मचारियों ने राजधानी के कई चौक चौराहों पर कचरा फैला कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें सफाई कर्मियों ने डाक बंगला चौराहा, इनकम टैक्स चौराहा पर कचरे का अंबार लगा दिया था, हालांकि उसके बाद काफी मान मनोबल के बाद दैनिक कर्मचारियों ने अपने हड़ताल की घोषणा वापस ली और काम पर लौट आए।