कोरोना की दूसरी लहर देश में कहर बरपा रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी दशकों में, मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है जिसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस चुनौती का मजबूती से मुकाबला कर रहा है और इसमें टीके की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 दशकों में मानवता के सामने आया सबसे बुरा संकट है, हमने पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी. कोरोना ने दुनिया को बदलकर रख दिया है. ”उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद पृथ्वी पहले जैसी नहीं रहेगी और हम घटनाओं को आने वाले समय में कोविड से पूर्व या कोविड से बाद की घटना के रूप में याद करेंगे.
Speaking at the Vesak Day programme.
We remember the noble ideals of Lord Buddha. https://t.co/JMmup8Mvtm
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2021
कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये महामारी सदियों में सबसे भयानक रही है, जिसने कई लोगों की जान ले ली. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचाई. हमारे वैज्ञानिक और डॉक्टर लगातार कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ रहे हैं, वैक्सीन का काम भी जारी है.
पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना संकट के कहर का जिक्र किया, साथ ही भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारने की बात कही. पीएम ने कहा कि कोरोना के कारण दुनिया में बड़ी लकीर खिंच गई है, जिसके बाद पहले और बाद की दुनिया में बड़ा अंतर होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘अब इस महामारी को लेकर, बेहतर समझ विकसित हो गई है. हमारे पास टीके उपलब्ध हैं जो लोगों की जान बचाने और महामारी को हराने के लिए महत्वपूर्ण है. भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है.” प्रधानमंत्री ने इस महामारी में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस महामारी में जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया और जो इससे पीड़ित रहे, वह उनके दुख में शामिल हैं.
यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से करता है. इसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख शामिल होते हैं. इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे. वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पीएम मोदी ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी से इतर भी मानव समाज के आगे कई बड़ी चुनौतियां हैं. जिसमें से क्लाइमेट चेंज भी काफी अहम है, भारत उन देशों में शामिल है जो पेरिस एक्ट के नियमों को पूरा करने में जुटा है. भगवान बुद्ध ने हमें शांति और प्रेम के रास्ते पर चलने का संदेश दिया है.
आपको बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कारण जमकर तबाही हुई है. हालांकि, अब जाकर इस लहर का असर कुछ कम होने लगा है. एक वक्त पर भारत में हर रोज़ चार लाख नए केस आ रहे थे, लेकिन अब घटकर ये संख्या दो लाख तक पहुंची है. हालांकि, अभी भी मौतों की संख्या चार हजार के आसपास है, जो चिंता का विषय है.