बसों को आधी क्षमता के साथ चलाने देने की मांग, परिवहन व्यवासाय की स्थिति दयनीय

Patna Desk

कोरोना काल में कई ऐसे व्यवसाय है जिसको संकट का सामना करना पड़ा है। परिवहन व्यवसाय को भी नुकसान उठाना पड़ा है। विशेष तौर पर बस सेवा को। बसों का परिचालन कोरोना की पहली लहर में भी 6 महीने तक बंद थी। इस साल भी तीन महीने से बसें बंद हैं। बसों के मालिक और उनसे रोजगार मिलने वाले लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही डीजल, पेट्रोल, मोबिल और मोटर पार्ट्स के भी दाम बढ़ते जा रहें। परिवहन व्यवसाय की स्थिति दयनीय होती जा रही है।
बस संचालकों ने की थी बैठक
इस मुद्दे पर शनिवार को बस संचालकों की बैठक भी हुई। बस संचालकों ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि जब सारे आर्थिक गतिविधियों को संचालन हो रहा है तो बसों को भी आधी क्षमता के साथ अनुमति दी जाए। व्यवासाइयों ने कहा कि अप्रैल, मई एवं जून 2021 के रोड टैक्स माफी इंश्योरेंस और ईएमआई की अवधि विस्तार के लिए उड़ीसा सरकार की तर्ज पर झारखंड सरकार द्वारा भी केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाए।

कागजातों की अवधि बढ़ाई जाये
बैठक में शामिल चेंबर उपाध्यक्ष किशोर मंत्री ने बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा वाहनों के विभिन्न दस्तावेजों ड्राइविंग लाइसेंस फिटनेस पंजीकरण प्रमाण पत्र परमिट सहित अन्य कागजात जिन की अवधि समाप्त हो चुकी है उनकी वैधता अवधि 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दी गई है। झारखंड में इस नियम को लागू करना चाहिए। बैठक में बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह झारखंड ट्रांसपोर्ट समिति के चेयरमैन मनीष सिसोदिया सहित कई व्यवसाई उपस्थित थे।

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