NEWSPR डेस्क। बिहार में कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मतदान संपन्न हो गया। मुख्य रूप से 13 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। माना ये जा रहा है कि सीधा मुकाबला भाजपा की एनडीए और महागठबंधन के जेडीयू प्रत्याशी के बीच होना है।
मतदान के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू पर प्रशासन की मिलीभगत से चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। वही जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कुढ़नी उपचुनाव में मतदान की पूर्व संध्या पर कहा कि महागठबंधन की चट्टानी एकता, सभी नेताओं द्वारा किये गए प्रचार एवं वहां के लोगों से मिल रहे अपार समर्थन से कुढ़नी में हमारे प्रत्याशी मनोज कुशवाहा की जीत को सुनिश्चित देख भाजपा के खेमे में बेचैनी और हताशा साफ दिख रही है।
उन्होंने आगे कहा कि कुढ़नी की जनता जानती है कि यह महज एक सीट का चुनाव नहीं बल्कि भाजपा मुक्त बिहार और भाजपा मुक्त देश का स्पष्ट संकेत देने वाला चुनाव है। कुढ़नी का परिणाम 2024 और 2025 में जो होने वाला है उसकी एक झलक होगी। भाजपा के पास कोई मुद्दा है ही नहीं, उनका शीर्ष नेतृत्व जुमलेबाजी से काम चला रहा है, प्रदेश भाजपा के नेताओं की बात ही क्या करनी। उन्हें तो महागठबंधन के विरुद्ध आए दिन अनर्गल टिप्पणी मात्र करनी है और तथ्यहीन बात कर बिहार की जनता को दिग्भ्रमित करना है, क्योंकि उनके पास विकास का कोई एजेंडा है ही नहीं।
जबकि महागठबंधन के नेता बिहार के समावेशी विकास और सामाजिक सद्भाव के प्रति समर्पित हैं। यहाँ भाजपा की फूट डालो और राज करो की नीति चलने वाला नहीं। महागठबंधन के प्रत्याशी मनोज कुशवाहा पहले भी कुढ़नी का प्रतिनिधित्व कर यहां के लोगों के सुख-दुख में शामिल रह चुके हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी है, नगर निकाय चुनाव में भाजपा शुरू से यह षडयंत्र कर रही है कि अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ न मिले। 2015 के विधानसभा चुनाव के समय ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार एवं समीक्षा की बात की थी।
दूसरी ओर इसी वर्ष मध्यप्रदेश के ईवीसी कमीशन की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना और उस पर चुनाव भी हुआ है, फिर यहाँ क्या दिक्कत है? भाजपा जान ले कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को पंचायत और निकाय चुनाव में आरक्षण देकर तीन बार चुनाव करवाया और उनके रहते बिहार में आरक्षण लागू रहेगा ही।
उमेश सिंह कुशवाहा ने आगे कहा कि आज देश महंगाई, बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था जैसी कई गंभीर समस्याआओं से ग्रस्त है पर भाजपा का प्रयास है कि उन पर चर्चा न हो, क्योंकि इन मुद्दों का उनके पास कोई जवाब नहीं है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा रोज बढ़ती मंहगाई को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।
वो रोजगार दे नहीं रहे बल्कि नौकरी को समाप्त करने में लगे हैं, रेलवे प्लेटफार्म, हवाई अड्डे और नेशनल हाईवे का निजीकरण कर रहे हैं। भाजपा देश में सिर्फ जाति और संप्रदाय के नाम पर लोगों को बांटने में लगी है, पर लोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा के लोगों की साजिश बिहार के लोग सफल नहीं होने देंगे, 2024 के चुनाव में इन्हें इन तमाम मुद्दों पर जवाब देना होगा।