NEWSPR डेस्क। सी.ए.ए-एन.आर.सी-एन. पी. आर. विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली गुलफिशा फातिमा को जेल गए 18 महीने आज यानि 9 अक्टूबर को पूरे हो गए. उन्हें दिल्ली दंगो के साजिश करने के झूठे आरोप में यू.ए .पी.ए के तहत गिरफ्तार किया गया था. आज गुलफिशां समेत तमाम राजनैतिक कैदियों को रिहा करने की मांग करते हुए शाम के वक्त अररिया बर्मा सेल से चांदनी चौक तक एक कैंडल मार्च किया गया जिसमे अररिया के प्रगतिशील लोग जुटे।
मार्च में शामिल जन जागरण शक्ति संगठन के सब्यसाची ,भाकपा माले नेता आज़ाद आलम ने संयुक्त तौर पर कहा कि एक तरफ दिल्ली दंगों के असली साजिशकर्ता भाजपा नेता कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी जैसे लोगों के खिलाफ सारे सबूत के बावजूद अमित शाह की पुलिस एक एफआईआर तक दर्ज नहीं करती है और दूसरी तरफ गुलफिशां, उमर खालिद, मीरान हैदर जैसे संविधान और देश को बचाने वाले लोग हैं जिन्हें आतंक निरोधी धाराओं के तहत फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेलों में सड़ाया जा रहा है।
युवा सामाजिक कार्यकर्ता चांदनी ने कहा कि गुल्फिशा जैसी एक विद्यार्थी तक को केंद्र सरकार बर्दाश्त कर नहीं पाती है और सारे युवाओं को डराने के लिए यू.ए.पी.ए. जैसा कठोर धारा लगाती है। AIYF के अभिषेक ने कहा कि गुल्फिशा ने सी.ए.ए. के खिलाफ एक सशक्त आन्दोलन खडा करने में अग्रणी भूमिका निभाई और इसलिए उन्हें झूठे आरोपों में बंद किया गया. कैंडल मार्च में आशीष रंजन, वदूद आलम, वार्ड पार्षद रंजित पासवान, भाकपा माले के आज़ाद आलम, इस्माइल, महबूब आलम,जन जागरण शक्ति संगठन के महासचिव शिवनारायण, अररिया ऑटो ड्राईवर यूनियन के अरुण राय, अभिमन्यु, पवन, सुनील, संगम, सी.पी.आई (माले) के इस्माइल सहित दर्जनों लोग शामिल हुए.
अररिया से रविराज की रिपोर्ट…