NEWSPR डेस्क। बिहार में कुछ समय पहले नए प्रधानमंत्री बनने को लेकर एक घोषणा की गई थी। कांग्रेस के नेता संजीव कुमार सिंह ने एक होर्डिंग के जरिए अपने को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संजीव कुमार ने तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा समेत अन्य पर आरोप लगाया कि पिछले लोकसभा चुनाव में इनको उम्मीदवार बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये लिए गए थे। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी बहन मीसा भारती पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। वकील और कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने दोनों पर आरोप लगाया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने का आश्वासन देते हुए उनसे पांच करोड़ रुपए लिए गए थे। रकम लेने के बाद भी उन्हें पार्टी का चुनावी टिकट नहीं दिया गया था
खुद को बिहार कांग्रेस का प्रभारी पर्यवेक्षक बताने वाले संजीव ने 18 अगस्त 2021 को तेजस्वी यादव और मीसा भारती के अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रवक्ता राजेश राठौर और सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था। जिसे लेकर संजीव सिंह ने कहा कि पैसे लेने के बाद भी पार्टी का टिकट उन्हें नहीं मिला। इसके बाद आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में उन्हें गोपालपुर और उनके भाई को रुपौली सीट से टिकट दिया जाएगा। हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट नहीं दिया गया। जिसके बाद 18 अगस्त 2021 को संजीव सिंह ने कोर्ट में धोखाधड़ी का परिवाद पत्र दाखिल किया था। जिस पर अदालत ने 31 अगस्त को ही अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब कोर्ट ने तेजस्वी, मीसा समेत सभी आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
इसके आधार पर पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत ने सभी के खिलाफ पटना की कोतवाली में केस दर्ज करने का आदेश दिया है। संजय का आरोप है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भागलपुर से RJD का टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लिए गए थे। यह आरोप पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लगाया गया। दंडाधिकारी ने पटना पुलिस को प्राथमिकी दायर करने का आदेश दे दिया।