अतिक्रमण हटाने का मामला, साथ दिखे तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी

Sanjeev Shrivastava


पंकज मिश्र, जामताडा

जामताडा: रेलवे किसी की जागीर नही है, और जीएम कोई दादा नहीं है जो इस कोविड पेंडमिक मे किसी को उखाड़ फेंके। किसी को उजड़ने से पहले उसके पुनर्वास की व्यवस्था की जानी चाहिए, लेकिन राज्य की ममता सरकार जहां लोगों को बसाने का काम कर रही है, वही केंद्र सरकार लोगों को उजाड़ रही है। इस सरकार को अविलंब चले जाना चाहिए। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के बराबानी विधायक विधान उपाध्याय ने चिरेका और रेल प्रशासन को दो टूक कहा कि जब उजाड़ने आएंगे तो हम भी देखेंगे कैसे उजड़ते है।

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के प्रस्तावित बंगाल के सभी रेलवे स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शन के बीच, चित्तरंजन, रूपनारायनपुर, सालनपुर, बराबानी आदि रेलवे स्टेशनों पर अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन के दौरान विधायक ने कहा, चिरेका जीएम ने पत्र का जवाब नहीं दिया, कोई बात नहीं, नाराज नहीं हुं, लेकिन लोगों को परेशान करेंगे तो बर्दाश्त नहीं करेंगे।

निजी स्कूलों के फीस के मुद्दे पर कहा कि स्कूल सुधार लाये, नहीं तो उनपर भी कार्रवाई की जा सकती है। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर तीन नम्बर गेट से कार्यकर्ता पहले जुलूस लेकर चित्तरंजन रेलवे स्टेशन पहुचे।

दूसरी ओर इस मुद्दे पर जामतारा और मिहिजाम बीजेपी के कई नेता तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में दिखे। पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश राय और नगर परिषद मिहिजाम अध्यक्ष कमल गुप्ता ने कहा कि चिरेका जीएम को अपना आदेश वापस लेना होगा, वरना बड़े आंदोलन से गुजरना होगा।

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