नई दिल्ली: सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार पुलिस की एफआईआर पर एंटी करप्शन की दिल्ली शाखा में रेगुलर केस दर्ज करके बिहार पुलिस से केस डायरी समेत तमाम दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। सीबीआई फिलहाल उन सभी दस्तावेजों और लोगों के बयान का अध्य्यन कर रही है, जिनके बयान बिहार पुलिस की चार लोगों की टीम ने मुंबई और पटना में अब तक लिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई अब सबसे पहले सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह से जानने की कोशिश करेगी कि आखिर उनको ऐसा क्यों और कब लगा कि सुशांत की मौत के पीछे रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार का हाथ है। उसके बाद सीबीआई बिहार पुलिस की उस जांच टीम से जानने की कोशिश करेगी कि उनको दस दिन के अंदर अपनी जांच में क्या-क्या संदिग्ध लगा। जिन गवाहों के बयान उन्होंने लिए हैं क्या वो किसी दबाव में लग रहे थे।
सीबीआई बिहार पुलिस की टीम से ये भी पूछेगी कि सुशांत सिंह राजपूत के संपर्क में कितने लोग रहते थे और उनमें से कितने लोगों से बिहार पुलिस की टीम संपर्क नहीं कर पाई। सीबीआई सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीएफएसएल और कुछ बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों को दिखा कर उनका ओपिनियन लेगी।
वहीं बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में जांच चल रही है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने भी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच का विरोध किया है। महाराष्ट्र सरकार ने सील बंद लिफाफे में जांच की प्रगति रिपोर्ट शीर्ष कोर्ट में दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने बिहार पर कई आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इस मामले में बिहार सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर काम किया है। बिहार सरकार के पास केवल जीरो FIR दर्ज करने का अधिकार था। उन्हें एफआईआर दर्ज कर हमारे पास भेजना चाहिए था।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि एफआईआर दर्ज कर बिहार पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं है। जब जांच ही गैरकानूनी है तो बिहार सरकार CBI जांच की अनुशंसा कैसे कर सकती है। केंद्र ने भी सीबीआई जांच की सिफारिश मान कर गलत किया।
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में बिहार सरकार का सीबीआई जांच की सिफारिश करना उचित नहीं था। केंद्र सरकार का बिहार की अनधिकृत सिफारिश मानना केंद्र-राज्य संबंधों की संवैधानिक मर्यादा के खिलाफ है।
वहीं सुशांत सिंह के पिता के के सिंह ने भी रिया चक्रवर्ती की ट्रांसफर याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें के के सिंह ने कहा है कि रिया ने सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठानी पर दबाव बनाया था। उन्होंने हलफनामे में कहा है कि रिया की याचिका में कोई मेरिट नहीं है। लिहाजा इसे खारिज किया जाए। सुशांत के पिता ने रिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में बिहार पुलिस से सुशांत का केस मुंबई ट्रांसफर कराने के लिए याचिका दर्ज की थी जिसके जवाब में केके सिंह ने हलफनामा दायर किया है।