साल 2026 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। यदि पहली परीक्षा में कोई छात्र अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो वह तीन महीने बाद फिर से परीक्षा देकर अपनी स्थिति सुधार सकता है।नई व्यवस्था के अनुसार, पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी में आयोजित की जाएगी, जबकि दूसरी परीक्षा जून में होगी।
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को छात्रों के लिए अधिक लचीला और तनावमुक्त बनाना है।शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई प्रणाली छात्रों पर से बोर्ड परीक्षा का दबाव कम करने में मददगार साबित होगी। हालांकि उनका यह भी सुझाव है कि अगर छात्रों को सभी विषयों की दोबारा परीक्षा देने की बजाय केवल उन्हीं विषयों को चुनकर परीक्षा देने की सुविधा दी जाए, जिनमें उन्हें सुधार की आवश्यकता है, तो यह नीति और अधिक प्रभावी होगी।विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल छात्रों के हित में है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, शैक्षणिक और प्रशासनिक स्तर पर गहन तैयारी की जरूरत होगी। यदि सही ढंग से लागू किया गया, तो यह बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।