पटना,
राजधानी पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब पूरी तरह से एक नए रूप में ढलने जा रहा है। यहां यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए 1216 करोड़ रुपये की लागत से एक मेगा प्रोजेक्ट पर कार्य जारी है। एयरपोर्ट की रफ्तार इतनी तेज़ है कि यह लॉकडाउन से पहले ही देश के टॉप-5 सबसे तेजी से विकसित होने वाले हवाई अड्डों में शामिल हो चुका था।
केवल पटना ही नहीं, दरभंगा एयरपोर्ट ने भी पिछले छह से सात महीनों में रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों को सेवा देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बिहटा एयरफोर्स बेस पर भी एक नया सिविल एनक्लेव विकसित किया जा रहा है, जिसकी सालाना क्षमता करीब 25 लाख यात्रियों की होगी।
कई शहरों से जुड़ा हवाई नेटवर्क
पटना से वर्तमान में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, वाराणसी, रांची, अहमदाबाद, अमृतसर, गुवाहाटी, पुणे और भुवनेश्वर जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें संचालित हो रही हैं।
5 लाख से 25 लाख तक की छलांग
गौरतलब है कि पटना एयरपोर्ट के मौजूदा टर्मिनल की मूल क्षमता केवल 5 लाख यात्रियों की थी। लेकिन समय के साथ बढ़ती मांग को देखते हुए इसका विस्तार किया गया और अब इसकी क्षमता 25 लाख यात्रियों तक पहुंच चुकी है।
लॉकडाउन से पहले यह संख्या 40 लाख सालाना यात्रियों को भी पार कर चुकी थी।
बन रहा है नया अत्याधुनिक टर्मिनल
पटना एयरपोर्ट की बढ़ती यात्री संख्या को देखते हुए यहां 722 करोड़ रुपये की लागत से एक नया अत्याधुनिक टर्मिनल तैयार किया जा रहा है, जिसकी सालाना क्षमता 80 लाख यात्रियों की होगी। यह नया टर्मिनल 57,000 वर्गमीटर में फैला होगा, जबकि वर्तमान टर्मिनल सिर्फ 7,200 वर्गमीटर का है।
इस दो मंज़िला टर्मिनल में ऊपर के तल पर डिपार्चर की सुविधा होगी, जहां पहुंचने के लिए पीर अली पथ से एक एलिवेटेड रोड भी बनाई जा रही है। इसके डिजाइन को खास बनाने के लिए इसमें मधुबनी पेंटिंग और नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों की झलक देखने को मिलेगी।
सुविधाओं की लंबी फेहरिस्त
- विमानों की पार्किंग के लिए अब 10 पार्किंग बे बनेंगे (वर्तमान में केवल 4 हैं)।
- यात्रियों के चढ़ने-उतरने के लिए 5 एयरोब्रिज होंगे।
- सामान लेने के लिए 5 कन्वेयर बेल्ट बनाए जाएंगे, जबकि अभी सिर्फ 1 है।