चतरा: पहली बारिश में ही खुलने लगी विकास योजनाओं के दावों की पोल

Sanjeev Shrivastava


सोनू भारती, चतरा
चतरा: जिले में मानसून की पहली बारिश में ही विकास योजनाओं के दावों की पोल खुलने लगी है। बारिश के बूंद से सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गई हैं। जिससे न सिर्फ उक्त सड़कों पर वाहनों का परिवालन बाधित हो रही है बल्कि आम लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है। जिले के ईटखोरी प्रखंड के नगवां रोड सड़क की स्थिति भयावह हो गई है। बारिश से कीचड़ में तब्दील हो चले उक्त पथ पर लोग चलने से भी कतरा रहे हैं।

यह सड़क ईटखोरी मुख्य पथ से कटकमसांडी को जोड़ती है। जिसकी लंबाई करीब 22 किलोमीटर है। स्थिति यह है कि इस 22 किलोमीटर की दूरी के बीच करीब तीन दर्जन गांव बसे हैं। जहां प्रतिदिन दर्जनों यात्री के साथ-साथ मालवाहक वाहनों का परिचालन भी होता है। हजारों लोगों का प्रतिदिन आना जाना होता है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि बरसात के दिनों में इस पर सफर करना काफी कठिन हो जाता है। प्रभावित गांवों तक वाहनों का पहुंचना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी बीमार और गर्भवती महिलाओं को होती है। सुविधा के अभाव में कुछ गर्भवती महिलाओं की मौत भी हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक जर्जर सड़क के जीर्णोद्धार की मांग उठा चुके हैं। कई बार जनप्रतिनिधियों का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं। बावजूद विकास का दंभ भरते हुए ठेका लेने वाले बाबुओं के कानों पर अबतक जु भी नहीं रेंगा है। ऐसे में ग्रामीण न सिर्फ धीरे-धीरे उग्र होने लगे हैं बल्कि आंदोलन का रूप भी अख्तियार करने की योजना बना रहे हैं।

Share This Article