चीन ने दिखाया अपना रंग, भारत को मदद का भरोसा देकर चीन कर रहा खेल? मेडिकल सप्लाई लेकर भारत आने वाले कार्गो विमानों पर लगाई रोक

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR DESK- कोरोना के कारण एक तरफ भारत में संकट की स्थिति पैदा होते जा रही है पर वही चीन ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया था तो दूसरी तरफ उसने यह हाथ खींच भी लिया दरअसल चीन की सरकारी सिचुआन एअरलाइंस ने भारत के लिए अपनी सभी मालवाहक उड़ानों को अगले 15 दिन तक के लिए स्थगित कर दिया है इससे निजी कारोबार को बीजिंग से अति आवश्यक ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर और अन्य मेडिकल सप्लाई मिलने से बड़ी बाधा पैदा हो गई है.

ऑक्सीजन खरीदने में होगी दिक्कत..

शंघाई में माल भेजने की कंपनी साइनो ग्लोबल लॉजिस्टिक के सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि सिचुआन एअरलाइंस के फैसले से दोनों देशों के कारोबारियों द्वारा तेजी से ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर खरीदने और भारत को भेजने में बाधा पैदा होगी। उन्होंने कहा कि अब इन उपकरणों को भेजना और चुनौतीपूर्ण होगा, उन्हें सिंगापुर और अन्य देशों के रास्ते विभिन्न विमानन कंपनियों द्वारा भेजना होगा जिससे अति-आवश्यक इन उपकरणों की आपूर्ति में देरी होगी।

सिन्हा ने कहा कि भारत में कोविड-19 की स्थिति का हवाला देकर उड़ानों का स्थगन आश्चर्यजनक है क्योंकि भारत जाने वाले चालक दल के किसी सदस्य को बदला नहीं जाता और उसी चालक दल के सदस्य ही विमान को वापस लाते हैं।

भारत भेजे जाने वाले सामान के दाम बढ़ाए..

कार्गो उड़ानों के स्थगन से एजेंट और सामान भेजने वाले हतप्रभ हैं जो चीन से ऑक्सीजन सांद्रक खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।यह भी शिकायत आ रही है कि चीनी उत्पादकों ने ऑक्सीजन संबधी उपकरणों की कीमत में 35 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। माल ढुलाई के शुल्क में भी करीब 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।

चीनी विनिर्माताओं की तरफ से भारत भेजी जाने वाली चिकित्सा आपूर्ति के दाम बढ़ाए जाने से जुड़े सवाल पर वांग ने कहा, ”चीन से भारत चिकित्सा आपूर्ति खरीदने को तैयार है, मैं इसे समझता हूं, यह एक व्यावसायिक गतिविधि है। वांग ने भारत के लिए कार्गो उड़ान स्थगित करने के सिचुआन एअरलाइंस के निर्णय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने एक ट्वीट में कहा कि उनका देश कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत का समर्थन करता है। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘हम भारत को चिकित्सकीय सामानों की आपूर्ति में सहयोग के लिए चीनी कंपनियों को प्रेरित करेंगे।’

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