NEWSPR डेस्क। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार 28 नवंबर को बीजेपी द्वारा राज्यसभा सीट के लिए सुशील मोदी को नामित करने के अपने फैसले पर चुप्पी तोड़ी, क्यूंकि ये सीट उनके पिता रामविलास पासवान ने जीती थी चिराग ने कहा कि यह सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा करना भाजपा का विशेषाधिकार है।
लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी जिसके बाद सुशील मोदी को मनोनीत करके, भाजपा ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बिहार की राजनीति में सुशील मोदी की भूमिका अब खत्म हो गई है और वह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए काम करेंगे।
गौर हो कि बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पटना साहिब से 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राम विलास पासवान 2019 में सीट से चुने गए थे। पासवान के निधन के बाद उनकी पत्नी रीना पासवान को इस सीट से उच्च सदन में नामित करने की मांग की गई।
चिराग ने अपनी पार्टी के 20 वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए आयोजित एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, “यह सीट भाजपा की थी और यह पार्टी के लिए तय करना है कि किस उम्मीदवार को उपचुनाव में किस पार्टी से मैदान में उतारा जाए।”
आपको बता दे कि इस आयोजन में, लोजपा सुप्रीमो ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बिहार में अगले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहें, जो चिराग के अनुसार कभी भी हो सकता है। पासवान ने कहा कि उन्होंने बिहार में किसी भी समय नए चुनाव करा रहे हैं, जिस तरह से नई सरकार काम कर रही हैं उम्मीद है कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम निर्विरोध चुनाव जीतेंगे, जब तक कि राजद के नेतृत्व वाला ‘महागठबंधन’ उन्हें चुनौती देने के लिए उम्मीदवार खड़ा नहीं करता। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह या पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को राज्यसभा सीट के लिए नामित करने की योजना बना रहा है।