बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव द्वारा 20 महीने के लिए सत्ता की कमान मांगे जाने पर अब चिराग पासवान ने तीखा जवाब दिया है। नालंदा के राजगीर में पार्टी की जनसभा में शामिल होने पटना आए चिराग पासवान ने कहा कि बिहार की जनता लालू-राबड़ी शासन के 15 वर्षों को देख चुकी है और अब वह दौर फिर से नहीं देखना चाहती।
वोटर लिस्ट विवाद पर विपक्ष को घेरा
मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध पर चिराग ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी दल हार से भयभीत हैं। उन्हें पहले ही हार नजर आ रही है, इसलिए वे बार-बार ईवीएम और अब वोटर लिस्ट का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों को पढ़ाई-लिखाई से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें यह तक नहीं पता कि कितने फॉर्म होते हैं।
चिराग ने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि सही व्यक्ति का नाम सूची में शामिल हो और जो नहीं है, उसका नाम हटाया जाए। यह चुनावी पारदर्शिता के लिए जरूरी कदम है।
तेजस्वी के ‘दामाद आयोग’ बयान पर प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव द्वारा आयोग में रिश्तेदारों की नियुक्ति को लेकर उठाए गए सवाल पर चिराग ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बात वही लोग कर रहे हैं, जिनके परिवार के लगभग सभी सदस्य किसी न किसी पद पर आसीन हैं। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों की नियुक्ति हुई है, वे अपनी योग्यता के आधार पर वहां पहुंचे हैं।
दलित समागम को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
नालंदा में आयोजित दलित समागम को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि वे खुद इस कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इस कार्यक्रम को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की है, लेकिन वे इस भ्रम को दूर करेंगे। चिराग ने विश्वास जताते हुए कहा, “जब तक मैं हूं, तब तक किसी की हिम्मत नहीं जो दलितों को नुकसान पहुंचा सके।”