NEWSPR डेस्क। पूर्वी चम्पारण मोतिहारी की एक दलित लड़की इन दिनों मानवता की मिसाल पेश कर रही है और गरीब बेसहारा बच्चों व बच्चियों के बीच शिक्षा का अलख जगा रही है। जी हां मोतिहारी के रघुनाथपुर मोहल्ले की एक नाबालिक दलित लड़की जो खुद नौंवी की कक्षा की छात्रा है, वो आज समाज के सामने एक नजीर पेश कर रही है । नजीर भी ऐसी की सभी लोग इसकी सराहना कर रहे हैं । करे भी क्यों नहीं एक बच्ची जिसकी खुद की पढ़ाई कोरोना व अन्य कारणों से छूट गयी हो ,,जो इतनी सक्षम नहीं है कि अपनी पढ़ाई पूरी कर सके। वो समाज मे शिक्षा का अलख जगा रही है और वैसे बच्चो बच्चियों को शिक्षा दान दे रही है जो सड़को पर कूड़ा कचरा बीनने का कार्य करते हैं। वैसे बच्चे जिसका कोई सहारा नहीं हो और वैसे बच्चे जिनके मां बाप को उसके पढ़ाई लिखाई से कोई लेना देना नही हो वैसे बच्चो को पढ़ा भी रही है और उन्हें अपने पैसे से कॉपी किताब व पेन उपलब्ध भी करा रही है।
जी हां प्रिया पासवान नामक ये बच्ची जिसकी खुद की पढ़ाई कोरोना व पैसो के अभाव में छूट गयी हो जो खुद अच्छे बिद्यालय में पढ़ने से वंचित हो चुकी हो और जिसके पिता मोतिहारी सेंट्रल जेल में एक मामूली कंप्यूटर ऑपरेटर हो, वो बच्ची आज समाज के सामने नाजिर पेश कर रही है और गरीब बेसहारा बच्चो के बीच शिक्षा का अलख जगा रही हाजो सही मायने में काबिलेतारीफ है। खास बात ये भी है कि ये बच्ची खुद के बचाये हुए पैसे से इन बच्चो को कॉपी ,पेन व किताब भी उपलब्ध कर रही है।
वही इस संबंध में पूछे जाने पर यहां शिक्षा ग्रहण कर रही एक लड़की ने बताया कि हमलोग पहले सड़कों पर कचरा बीनने का कार्य करते थे और पढ़ाई से उनका कोई लेना देना नहीं था लेकिन प्रिया दीदी ने हमलोगों को शिक्षा का महत्व बताया और पढ़ने के लिए प्रेरित किया । अब हमलोग पढ़ाई भी कर रहे हैं और अपना काम भी कर रहे हैं। आगे पढ़ना भी चाहती है।
वहीं इस बच्ची के इस पुनीत कार्य पर मोहल्लेवासी भी काफी खुश है और इसे हरसंभव सहायता करने की बात कर रहे हैं । लोगों ने कहा कि चाहे जो कुछ भी हो लेकिन ये लड़की आज के समाज मे एक प्रेरणास्त्रोत है और गरीब बेसहारा बच्चो के लिए भगवान का दूसरा रूप बनकर उभर रही है और समाज के सामने एक नाजिर पेश कर रही है ।जरूरत है कि ऐसे पुनीत कार्य करने वाली लड़की को हरसंभव सहायता करने की ताकि समाज मे कोई भी बच्चा अनपढ़ न रहे ।