NEWSPR DESK- आखिरकार रविवार को वह शुभ घड़ी आई गई जब 4475 करोड़ की लागत से गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा लोकार्पण किया गया।
इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ग्रामीण विकास मंत्री सरवन कुमार सांसद कौशलेंद्र कुमार के अलावे कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। गंगाजल उद्वह परियोजना के तहत बिहार के नालंदा के अलावा गया, बोधगया और नवादा को गंगाजल की आपूर्ति की जानी है। इन सभी जगहों पर गंगाजल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है।
इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण के तहत इस योजना पर पहले 2836 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब होने से लागत बढ़कर ₹ 4475 करोड़ कर दिया गया है। गंगा उद्वह योजना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना है।इस गंगा जल आपूर्ति योजना के लोकार्पण के मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि रोजाना नवादा नालंदा गया जिले के लोगो को रोजाना 135 लीटर गंगाजल मुहैया कराया जाएगा।
लगातार जलसंकट को देखते गंगाजल आपूर्ति योजना एक रामबाण साबित होगा क्योंकि गंगा जल से लोगो को जल की आपूर्ति की जाएगी तो जलसंकट दूर होगा और भूगर्भ का जलस्तर भी बरकरार रहेगा। जलवायु परिवर्तन में कारण नवादा नालंदा गया जिले में लगातार जलस्तर में गिरावट आ रही है।सुखाड़ बाढ़ की त्रासदी का दंश भी झेलना पड़ता था। हमने लगातार राजगीर में विकास करने का काम किया है।राजगीर के सारे इतिहास को जिंदा रखने का काम किया शेष राजगीर में बचे हुए जरासन्ध अखाड़े का काम बच गया है जरासन्ध अखाड़े के आस पास के जमीन पर जरासन्ध का स्मारक का निर्माण किया जाएगा।हमने सबका साथ सबका विकास की राह पर चलकर लोगों की सेवा करने का काम किया है। इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के कार्यों को सराहा। इस मौके पर डिप्टी सीएम तेजश्वी यादव ने कहा कि गंगाजल को गया राजगीर नवादा में लाना वाकई कल्पना से परे है।
दक्षिण बिहार की जो जिले हैं जैसे गया,नालंदा,नवादा इन इलाकों में वाटर लेवल काफी कम है इन इलाकों में गंगाजल पहुंचना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदृष्टि सोच है। इस योजना का पूरा श्रेय बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि इस योजना का समय पर धरातल पर उतारना यह साबित करता है कि नीतीश कुमार बोलने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं।