NEWSPR DESK- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अधिवेशन भवन में दीप प्रज्ज्वलित कर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। इसमें उपस्थित सभी लोगों का मैं स्वागत और अभिनंदन करता हूं। आपदा प्रबंधन कितना आवश्यक है यह हम सब जानते ही हैं। सबने इस संबंध में अपनी बात कही। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा जी से हमारे पुराने संबंध हैं।
वर्ष 1969 में वे, हम और कई लोग जेल में थे। हम उस समय पटना में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र थे और वे भागलपुर में थे। बिहार के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र आंदोलन में शामिल हुए थे। जेल में ही इनसे मेरा परिचय हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार सिन्हा जी भी यहां उपस्थित हैं, मुझे उन्हें देखकर बहुत खुशी हो रही है। केन्द्र सरकार में जब हम कृषि मंत्री थे उस दौरान मेरे कार्यकाल में बतौर अधिकारी सबसे अधिक मेहनत इन्होंने ही किया था।
आपदा को लेकर जितनी बात इनसे हुई थी, इन्होंने ही एक-एक चीज का अध्ययन करके उसे मूर्तरूप दिया था। हम जब केंद्र में थे तब श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मुझसे कहा था कि आपदा प्रबंधन के लिए सारी चीजों को बेहतर ढंग से क्रियानित करें। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में ही इसको मूर्तरूप दिया गया और 2005 में केन्द्र सरकार ने इसको लागू किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में बिहार में कमिटी बनाकर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शुरू करवा दिया गया। यहाँ अधिक वर्षापात और सुखाड़ दोनों की स्थिति बनी रहती है। इससे निपटने के लिये हमलोग हर वर्ष इसकी समीक्षा कर इसके लिये कार्य करते हैं। अधिकारी एक-एक चीज पर नजर रखते हैं ताकि लोगों को सुखाड़ और बाढ़ की स्थिति में पूरी मदद मिल सके। हम हमेशा कहते हैं कि सरकार के खजाने पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। बच्चे-बच्चियों, जीविका दीदियों, शिक्षकों, सभी को आपदा से बचाव के लिये एक-एक चीज जानना जरूरी है। सबको जागरूक करने की आवश्यकता है। लोगों को आपदा से बचाव की जानकारी होने से कम से नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर सबसे अच्छा कार्यक्रम आपदा प्रबंधन विभाग का ही होता है।
एस०डी०आर०एफ० और लोगों के बचाव के लिये काफी काम करते हैं। हमलोगों एन०डी०आर०एफ० लोगों के बचाव एन0डी0आर0एफ0 की तर्ज पर एस०डी०आर०एफ० का गठन किया। एस०डी०आर०एफ० के रहने, सहने एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गयी। हमने एस०डी०आर०एफ० की संख्या और बढ़ाने को कहा है ताकि उन्हें विभिन्न जिलों में रखा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन सिर्फ राहत देने के लिए ही नहीं बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए भी है। नयी पीढ़ी के लोगों को इससे बहुत फायदा मिलेगा। जीविका समूह की महिलाएं बढ़िया काम कर रही हैं। आपदा के बारे में लोगों को जागरूक कर रही
हैं। जीविका दीदियों की मांग पर ही हमने शराबबंदी लागू की है। इस वर्ष सूखा प्रभावित 11 जिले के लोगों को मदद दी गयी, उनके खाते में 3500 रूपये की मदद की गयी। हर वर्ष हम समीक्षा कर अधिकारियों को कहते रहते हैं कि एक-एक चीज पर नजर रखिए। जल संसाधन और लघु जल संसाधन की जिम्मेवारी भी बहुत है। हमलोगों ने हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की गली एवं नाली का निर्माण कराया। हर घर तक बिजली पहुँचायी। हर खेत तक सिंचाई पहुँचाने का काम किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आये यहां सभी लोग अपने-अपने अनुभव को भी बताएंगे।
राज्य आपदा प्रबंधन के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार सिन्हा से आग्रह करेंगे कि बिहार में आकर आपदा प्रबंधन के लिए भी सहयोग करें। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को हर प्रकार से सहायता दी जायेगी। उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय परेशानी नहीं होगी। हमलोग हरसंभव सहायता देंगे। आपदा को लेकर सभी लोगों को जागरूक करते रहना है ताकि विभिन्न प्रकार की घटनाओं से सुरक्षित रह सकें, लोगों को कम से कम नुकसान हो।
कार्यक्रम में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में ‘वज्रपात से बचाव एवं रोकथाम संबंधी मार्गदर्शिका का मुख्यमंत्री सहित
अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने विमोचन किया ।
कार्यक्रम में विगत 15 वर्षों की बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गतिविधियों पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्यकर सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री शाहनवाज, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत
मिश्रा, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार
अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार सिन्हा, सी०एस०आई0आर0 बेंगलुरु के वैज्ञानिक श्री के0सी0 गौड़ा सहित अन्य राज्यों से आए प्रतिनिधिगण, अन्य अधिकारीगण, एन०डी०आर०एफ० एवं एस०डी०आर०एफ० के प्रतिनिधिगण, छात्र-छात्राएं तथा जीविका दीदियां उपस्थित थीं।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम के पश्चात् आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 प्रतिशत का आरक्षण पहले से ही हो गया था। हमलोगों ने भी कहा था और अब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है तो ठीक ही है लेकिन अब एक बार जाति आधारित जनगणना ठीक से हो जाए। 50 प्रतिशत आरक्षण का जो लिमिटेशन है उसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को हमलोग उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण देते हैं लेकिन बाकी ओ०बी०सी० और ई०बी०सी० को आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाता है। 10 प्रतिशत का जो आरक्षण दिया गया है बहुत अच्छा है लेकिन जो 50 प्रतिशत का लिमिटेशन है इसको बढ़ना चाहिए, ये अच्छी बात होगी। उसके लिए जरूरी है कि पूरे देश के लोगों का आकलन होना चाहिए ताकि किसकी क्या आबादी है इसका पता चल सके और उसको देखते हुए मदद दी जाएगी।
हमलोग बिहार में जाति आधारित गणना करा रहे हैं, इससे सभी लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा चाहे वो किसी भी धर्म, जाति के हों। हमलोगों ने सोच लिया कि सबकी आर्थिक स्थिति को भी देख लें चाहे वो किसी भी जाति या बिरादरी के हों ताकि उनकी स्थिति सुधर सके। यह देश भर में भी होना चाहिए।