बिहार में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए एक अहम ऐलान किया है। महिलाओं को 35% आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी के बाद अब उन्होंने युवाओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा वादा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगामी पांच वर्षों (2025 से 2030) के भीतर बिहार सरकार एक करोड़ नौजवानों को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराएगी।


इस घोषणा की जानकारी खुद सीएम नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की। उन्होंने लिखा कि युवाओं को रोजगार देना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 से 2020 के बीच 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। वहीं 2020 में ‘सात निश्चय-2’ कार्यक्रम के तहत 10 लाख सरकारी नौकरियों और 10 लाख रोजगार का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 50 लाख (12 लाख सरकारी नौकरी और 38 लाख रोजगार) कर दिया गया।सीएम ने बताया कि अब तक 10 लाख सरकारी नौकरियां और लगभग 39 लाख रोजगार दिए जा चुके हैं और यह लक्ष्य अगस्त 2025 तक पूरी तरह हासिल कर लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस सफलता को देखते हुए अब इस लक्ष्य को दोगुना किया जा रहा है। नए लक्ष्य के अनुसार, अगले पांच वर्षों में यानी 2025 से 2030 तक एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की योजना बनाई गई है। इसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की बात भी कही गई है।नीतीश कुमार ने बताया कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। ‘सात निश्चय’ के तहत चल रही योजनाओं को विस्तार दिया जाएगा। साथ ही एक विशेष कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय’ होगा। इसका उद्देश्य युवाओं को आधुनिक और रोजगारपरक प्रशिक्षण देना होगा।मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में साफ कहा कि बिहार के नौजवानों को रोजगार देना केवल चुनावी वादा नहीं, बल्कि उनकी सरकार की प्राथमिक नीति है।