डूबने की घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से चिह्नित जिलों के एसडीआरएफ पदाधिकारियों/कर्मियों/ सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर्स के साथ आयोजित बैठक का आयोजन प्राधिकरण सभाकक्ष में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत ने किया। उपाध्यक्ष ने एसडीआरएफ द्वारा विभिन्न जिलों राहत एवं बचाव के कार्यों की सराहना की। बैठक को संबोधित करते हुए माननीय सदस्य पी एन राय ने प्रस्तुति के माध्यम से कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में डूबने की घटनाए हो रही है इसके लिए पहल में तेजी लानी होगी तभी जानें बचाई जा सकेंगी। सभी बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए राय ने कहा की प्राधिकरण की ओर से “गुड सेमेरिटन” के तहत समुदाय स्तर पर डूबते व्यक्तियों की जान बचाने वाले को प्रोत्साहित किया जाएगा। अब सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम का क्रियान्वयन एसडीआरएफ के सहयोग से होगा और साथ में एसडीआरएफ का सहयोग डूबने को घटनाओं के खतरों को चिह्नित करने में किया जाएगा जिससे डूबने की घटनाओं में कमी लाई जा सके।
इस बैठक में एसडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट जे पी सिंह ने कहा कि कई कार्यक्रमों के बावजूद भी घटनाओं में कमी नहीं आ रही है इसके लिए गाँव के स्तर पर लोगों को जागरूक करना होगा। इस बैठक में विभिन्न जिलों से आए एसडीआरएफ के पदाधिकारियों/ कर्मियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। सदस्य ई. नरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि हर जान कीमती है इसके लिए ग्रामीण स्तर पर ट्रेनिंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खतरनाक जगहों को पहले से चिन्हित कर लें जिससे डूबने की घटनाओं में कमी आ सके। इस मौके पर माननीय सदस्य श्री प्रकाश कुमार ने प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने में अभिभावकों को भी जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव वारिस खान,तकनीकी सलाहकार डॉ बी के सहाय भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जीवन कुमार ने किया।