NEWSPR डेस्क। कल नीतीश कैबिनेट में 14 एजेंडों पर मुहर लगाया गया। जिसमें शराबबंदी कानून में ढील दी गई है। पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार का जुर्माना देकर पियक्कड़ छूट जाएंगे। इस पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2000 से 5000 तक जुर्माने की राशि रखी है। उन्होंने कहा कि सीएम पहले डीजीपी को बताएं शराबबंदी कैसे सफल होगी। क्योंकि बिहार का प्रशासन वैसे ही विफल साबित हुआ है।
इसके अलावा कहा कि लगता है अब सरकार सॉफ्टवेयर डेवलप कर रही है। जिससे पता चलेगा कि उसने पहली बार पिया है या दूसरी बार पिया। इससे बिहार का विकास बाधित होगा क्योंकि इससे बिहार के युवा शराब पिएंगे और जेल जाएंगे तो ऐसे में सरकार को अपने पुलिस प्रशासन को सख्त करना चाहिए।
बिहार के डीजीपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह आदेश देना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी कानून सुचारू रूप से सफल तरीके से लागू हो क्योंकि प्रशासन और कानून व्यवस्था शराबबंदी कानून को सफल करने में पूरी तरीके से विफल है।