मुंगेर गांवों में जहां सरकार सड़कों का जाल बिछाने को लेकर तत्पर है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण पॉलिटिक्स के चलते आज भी कई गांव ऐसे है जहां सड़क बनाने को ले जमीन के विवाद के कारण विकास गांवों तक नहीं पहुंच पाया है। हाल यह है कि ग्रामीण पॉलिटिक्स के कारण रास्तों से शव और बीमार लोगों को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं जाने दिया जाता हैं।
पूरा मामला है मुंगेर जिला के तारापुर दियारा पंचायत के महेशपुर सिलाह का है जहां 200 फुट जमीन के विवाद को लेकर लम्बे अरसे से गांव में जाने के लिए सड़क नहीं बन पा रहा है ।
हाल यह है कि सड़क नहीं बन पाने के कारण गांव में विकास तो नहीं ही पहुंच पा रहा है बल्कि एम्बुलेंस और और चार चक्का वाहन भी गांव के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहा है। गांव वालों के अनुसार तीन परिवार के कारण यह सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है । गांव में जब कोई बीमार पड़ जाता है तो उन तीन परिवारों के सदस्यों के द्वारा गांव में एंबुलेंस तक नहीं घुसने दिया जाता है। ग्रामीणों के लाख प्रयास के बावजूद उन परिवारों के सदस्यों के द्वारा सड़क नहीं बनाने दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनाने को ले काफी दिनों से प्रयास किया जा रहा है । पर पप्पू सिंह और मौसम सिंह के द्वारा सड़क नहीं बनने दिया जा रहा है। इस मामले में sdo न्यायालय मे 147 भी लगाया गया फिर भी उसका अनुपालन उन लोगों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। वे अपने कार्य के लिए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों को जाने देता है पर जब किसी ग्रामीण के यहां कोई बीमार पड़ जाता या मृत्यु हो जाती तो न तो एम्बुलेंस गांव में आने देता और न ही अर्थी को निकलने दिया जाता है । जिस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानीयो का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं मौसम सिंह ने बताया कि वे तभी सड़क बनने देगें जब सामने से अन्य लोगों के द्वारा भी जमीन छोड़ा जाय नहीं तो सड़क नहीं बनने देगें । बरहाल जो भी कारण हो पर तस्वीरें साफ बता रही है कैसे सड़क नहीं बनने के कारण लोगों मरीजों को गलियों में कुर्सी पे बिठा मुख्य सड़क तक लाते है।