भारत में तेज़ी से फैल रहे कोरोना की दूसरी वेव से देश भर में हाहाकार मचा हुआ है। हर रोज़ लाखों में नए केस सामने आ रहें हैं। इसे देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने देश में पुनः लॉकडाउन लगाने की बात पर केंद्र और राज्य सरकार को विचार करने को कहा है। न्यायालय का कहना है सरकार तुरंत सार्वजनिक स्थानों पर जमा होती भीड़ को रोकने के लिए सख़्त कदम उठाए।
इसके अलावे उच्चतम न्यायालय ने वैक्सीन खरीद पॉलिसी पर भी सोच विचार करने को कहा। न्यायालय का कहना है अगर ऐसा नहीं किया गया तो सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकार में बाधा उत्पन्न होगी, जो संविधान का हिस्सा है और सरकार को इसपर ध्यान देना होगा।
न्यायालय ने ये भी कहा कि लॉकडाउन लगाने से पहले सरकार ये भी सुनिश्चित करे कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव कम पड़े। न्यायालय के मुताबिक जिन लोगों पर लॉकडाउन का असर पड़ सकता है उनके के लिए खास इंतज़ाम किए जाएं। उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट ने सुझाव दिया कि टीकों की खरीद को केंद्रीकृत किया जाए। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर वितरण को विकेंद्रीकृत किया जाए।
पिछले महीने 20 अप्रैल को केंद्र सरकार ने वैक्सीन की खरीद को लेकर नई रिवाइज पॉलिसी का ऐलान किया था। केंद्र ने कहा था कि अब वो सिर्फ 50 फीसदी ही वैक्सीन की खरीद करेगा और बाकी 50 प्रतिशत वैक्सीन सीधे राज्य, लोकल व प्राइवेट कंपनिया महँगे दर पर खरीद सकेंगीं। इस पॉलिसी पर दोबारा सोच विचार करने का आदेश दिया गया है।