बेगूसराय में कोरोना जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति का मामला सामने आ रहा है। देखा जाए तो अमूमन कई प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र पर आउट सोर्सिंग स्टाफ या फिर अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी गई है। सवाल यह उठता है जब जांच करने वाले ही अप्रशिक्षित होंगे तो उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट कितना सत्य एवं कारगर होगा यह सोचने वाली बात है।
दरअसल जिले के मंसूरचक प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र का जब जायजा लिया गया, तो वहां मौजूद कई स्वास्थ्य कर्मी बिना पीपीई किट के ड्यूटी करते हुए नजर आएं। पूछने पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ना तो उन्हें किसी प्रकार की ट्रेनिंग दी गई है और ना ही कोरोना के संबंध में कुछ बताया गया है। सिर्फ विभागीय आदेश के बाद डाटा ऑपरेटर एवं अन्य आउटसोर्सिंग स्टाफ कोरोना की जांच में जुट गए हैं।
दूसरी ओर आउटसोर्सिंग स्टाफ की शिकायत यह भी है कि पिछले 4 महीने से उन्हें वेतनमान भी नहीं दिया गया। साथ ही साथ अब विभाग के द्वारा उन्हें हटाने की भी तैयारी की जा रही है। ऐसे में प्रशासनिक दावे पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है, क्योंकि प्रशासन लगातार दावा कर रही है कि जिले में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जाएगी।