भारत में कोरोना खतरा अभी टला नहीं, अनलॉक की हड़बड़ी कहीं भारी न पड़ जाए, इन देशों से लेना होगा सबक

Patna Desk

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार अब कम हो रही है. पिछले कुछ दिनों से भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है. स्‍वास्‍थ्‍स मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,65,553 नए केस सामने आए हैं. साथ ही इसी अवधि में 3460 लोगों की मौत हुई है.

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कोरोना के कहर में थोड़ी कमी के बीच कई राज्यों ने ‘अनलॉक’ की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ अभी लॉकडाउन में ज्यादा ढील देने के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे बाद में पछताना पड़े. जर्मनी, ब्रिटेन, इटली समेत दुनिया के तमाम देश इस बात की जीती-जागती नजीर हैं कि कोरोना संक्रमण के पूरी तरह से काबू में आने से पहले प्रतिबंध हटाना कितना घातक साबित हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए तमाम शोध भी दर्शाते हैं कि लॉकडाउन संक्रमण को बेकाबू होने से रोकने में कितना कारगर है.

आइए जानते हैं पाबंदियों और कोरोना को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

1.पाबंदियों में छूट का फैसला केंद्र करे: विक्रम सिंह, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश

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अभी ब्रिटेन सहित कई देशों ने पूरी तरह से अनलॉक नहीं किया है. भारत में दूसरी लहर का प्रभाव बाद में पड़ा है. ऐसे में अभी अनलॉक की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. कोरोना के मामले भले ही घटने लगे हों, लेकिन मौत के आंकड़ों में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है. ऐसे में लॉकडाउन और अनलॉक संबंधी मामलों को राज्य के स्तर पर नहीं करना चाहिए. ये फैसले केंद्र के स्तर से होने चाहिए. एक बार अनलॉक होने पर इस बात की आशंका है कि मामले दोबारा तेजी से बढ़ने लगेंगे. साथ ही अब जब लोग इन पाबंदियों के आदी हो चले हैं तो जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे बाद में पछताना पड़े. अनलॉक की प्रक्रिया तब शुरू हो, जब कोरोना खत्म होने की कगार पर पहुंच जाए.

2.खतरा अभी टला नहीं, हड़बड़ी घातक: नरेश त्रेहन, चेयरमैन, मेदांता हॉस्पिटल

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अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लेकिन सरकारों की ओर से लोगों को पूरी तरह से आगाह भी किया जाना चाहिए कि अगर कोरोना प्रोटोकॉल पर अमल नहीं किया गया तो दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा. खतरा अभी टला नहीं है. न तो कोरोना मरीजों की संख्या थमी है और न ही मौतें. ऐसे में कोरोना की पिछली लहर की तरह जल्दी-जल्दी अनलॉक नहीं करना चाहिए. शुरुआती चरण में सिर्फ बेहद जरूरी चीजों को खोला जाए. मॉल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर प्रतिबंधों में ढील सबसे बाद में दी जाए. जहां भी अनलॉक किया जाए, वहां बाकायदा सख्ती हो तभी हालात बेकाबू होने से रोके जा सकेंगे. लोगों को भी समझना होगा कि यदि हम अब भी कोरोना से बचाव के लिए जरूरी एहतियाती उपाय नहीं अपनाएंगे तो और नुकसान होना तय है.

3.मामले बढ़ते ही फिर लगाए जाएं प्रतिबंध: योगेंद्र कपूर, आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ

चरणबद्ध तरीके से कुछ राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू करना बिल्कुल ठीक कदम है, लेकिन साथ ही इसमें एक शर्त यह भी होनी चाहिए कि जैसे ही कोरोना के मामले बढ़ें, दोबारा पाबंदी लगाई जाए. दुनियाभर में इसी तरह से कोरोना की दूसरी लहर से निपटा गया है. जैसे ही मामले बढ़े लॉकडाउन लगा दिया गया और मामले घटते ही ढील दी जानी शुरू कर दी गई.

हालांकि, भारत की दूसरे देशों से तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि यहां लोगों के जीवन और आजीविका के बीच सामंजस्य बनाना होता है. केंद्र और राज्यों की सरकारें ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन नहीं लगा सकती हैं. देश में जरूरी है कि अनलॉक के साथ-साथ तेजी से टीकाकरण किया जाए, ताकि लोगों में कोरोना के खिलाफ सुरक्षा कवच विकसित हो सके और स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव घट पाए.

जानें कहां-कहां दूसरी लहर का सबब बनी जल्दबाजी

जर्मनी

German lockdown loopholes criticised as COVID-19 deaths hit new high- The New Indian Express

-कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बीते साल 17 मार्च से लागू लॉकडाउन में मई की शुरुआत में ढील दी, दुकानें और स्कूल-कॉलेज खोले, मिलने-जुलने व यात्रा करने पर लगी पाबंदी हटाई.
-मध्य सितंबर तक कोविड-19 के रोजाना औसतन एक हजार से कम मामले सामने आ रहे थे, हालांकि, अक्तूबर अंत तक यह आंकड़ा 14,700 के पार हो गया, दोबारा लगानी पड़ीं पाबंदियां
-सार्स-कोव-2 वायरस के ब्रिटिश स्वरूप ने बढ़ाईं मुश्किलें, दूसरी लहर पर काबू पाने को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के आह्वान पर संसद ने संक्रमण रोकथाम कानून में संशोधनों को दी मंजूरी.
-जिलों में लगातार तीन दिन तक प्रति एक लाख आबादी पर सौ से ज्यादा मामले आने पर सरकार को रात दस से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का अधिकार मिला, जबकि प्रति एक लाख आबादी पर 165 मरीज मिलने पर स्कूल-कॉलेज बंद करना अनिवार्य.

ब्रिटेन

Britain Lockdown: non essential shops will remain closed in many European countries including Britain due to Lockdown - कोरोना का कहर: ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में लॉकडाउन, गैर जरूरी ...

-23 मार्च 2020 को ब्रिटिश सरकार ने लॉकडाउन लगाने की घोषणा की, सभी स्कूल-कॉलेज और उद्योग बंद किए, गैरजरूरी यात्राएं करने और सामाजिक मेलजोल बढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया.
-अप्रैल अंत में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दावा किया कि ब्रिटेन कोरोना संक्रमण के चरम दौर को पार कर चुका है, मई-जून में नए मामले और मौतें घटीं, चरणबद्ध तरीके से हटने लगे प्रतिबंध.
-सितंबर में ज्यादातर स्कूल खुले, उस वक्त रोजाना तीन से चार हजार मामले दर्ज हो रहे थे, मध्य अक्तूबर तक प्रतिदिन सामने आ रहे नए मरीजों की संख्या बढ़कर 20 हजार के पार चली गई.
-सरकार ने दोबारा लॉकडाउन लगाया, क्रिस्मस पर मामूली ढील के बाद फिर सख्त किए प्रतिबंध, फाइजर-बायोएनटेक के टीके को मंजूरी देने वाला पहला देश बना, मार्च में स्कूल खोले, अप्रैल से कुछ उद्योगों के संचालन को भी दी स्वीकृति, पर यात्रा पाबंदियां पूरी तरह से नहीं हटाईं.

इटली

Rise in Coronavirus Deaths Spurs Calls for Tighter Lockdown in Italy - WSJ

-नौ मार्च 2020 को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया, सभी उद्योग बंद किए, लोगों को सिर्फ जरूरी सामान की खरीदारी, कामकाज और स्वास्थ्य कारणों से घर से बाहर निकलने की अनुमति दी.
-चार मई से लॉकडाउन में ढील देने की शुरुआत की, दो महीने बाद टेक-अवे सेवा के लिए खुले रेस्तरां, पार्क में व्यायाम की मिली इजाजत, निर्माण एवं विनिर्माण क्षेत्र में कामकाज बहाल हुआ.
-अक्तूबर के पहले हफ्ते तक रोजाना औसतन तीन हजार नए मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही थी, महीने के अंत तक 20 हजार नए मामले प्रतिदिन के करीब पहुंचा यह आंकड़ा.
-25 अक्तूबर को सरकार ने दोबारा लॉकडाउन लगाया, सभी धार्मिक-सामाजिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक आयोजनों पर रोक प्रभावी हुई, थिएटर, जिम, होटल-रेस्तरां, सिनेमा, स्विमिंग पूल आदि फिर बंद हुए, अप्रैल 2021 में चरणबद्ध तरीके से ‘अनलॉक’ का ऐलान किया.

रोकथाम में कारगर लॉकडाउन

China scrambles to keep cities in virus lockdown fed - The Economic Times

-फरवरी 2021 में ‘नेचर जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया था कि चीन ने कोरोना का केंद्र रहे वुहान में लॉकडाउन लगाकर अनुमानित पांच लाख से 30 लाख लोगों को संक्रमण की जद में आने से बचाया, 18 हजार से 70 हजार मौतें रोकने में भी सफल रहा.
-अप्रैल 2020 में ‘लांसेट जर्नल’ में छपे एक शोध से खुलासा हुआ था कि बिना लॉकडाउन वाली स्थिति में एक संक्रमित औसतन तीन लोगों में वायरस का वाहक बनता है, तालाबंदी के चलते कई देशों को कोरोना संक्रमण दर में 60 से 70 फीसदी की कमी लाने में कामयाबी मिली.

1.3 billion people. A 21-day lockdown. Can India curb the coronavirus? | Science | AAAS

इन भारतीय राज्यों में छूट की तैयारी
-दिल्ली, यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात ने लॉकडाउन में छूट देने की तैयारी कर ली है. आइए इन राज्यों में कोरोना संक्रमण और टीकाकरण की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें –

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