भागलपुर: जिले में रियल एस्टेट सेक्टर में चल रही अनियमितताओं पर अब प्रशासन और रेरा (भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण) का शिकंजा कसता जा रहा है। पटना और भागलपुर से आई संयुक्त टीमें इन दिनों भागलपुर शहर और आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं। ये टीमें निर्माणाधीन अपार्टमेंट्स और प्लॉटिंग साइट्स की गहन जांच कर रही हैं।
बीते सोमवार से शुरू हुई इस मुहिम में सबौर, गोराडीह, जगदीशपुर और नाथनगर जैसे क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें कई अनियमित प्लॉटिंग की रिपोर्ट तैयार की गई है।
रेरा की सख्ती से मचा हड़कंप
सूत्रों के मुताबिक, रेरा और स्थानीय प्रशासन ने सुल्तानगंज में भी संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक अवैध प्लॉटिंग साइट को चिन्हित किया है। यह प्लॉटिंग बिना रजिस्ट्रेशन के साढ़े चार बीघा भूमि पर की गई थी। नियम के मुताबिक, 5400 वर्ग फीट या 8 प्लॉट से अधिक की प्लॉटिंग के लिए रेरा में निबंधन अनिवार्य है।
बिजली, राजस्व और नगर निगम से मांगी जा रही रिपोर्ट
प्रशासन इस मामले में बिजली विभाग, नगर निगम और सीओ ऑफिस के सहयोग से विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
- बिजली विभाग यह बताएगा कि कनेक्शन किसके नाम पर है।
- नगर निगम यह स्पष्ट करेगा कि नक्शा पास किसके नाम से हुआ है।
- सीओ (राजस्व अधिकारी) उस जमीन का स्वामित्व और स्थिति बताएंगे।
इन सभी सूचनाओं के आधार पर जिन लोगों ने नियमों को दरकिनार कर जमीन या फ्लैट बेचे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम की अध्यक्षता में रेरा अधिकारियों की बैठक
इस बीच मंगलवार को भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में रेरा अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें रेरा ने अब तक की गई जांच और चिन्हित साइट्स की रिपोर्ट साझा की। अधिकारियों ने बताया कि जिन प्लॉट्स और अपार्टमेंट्स की पहचान हुई है, उनकी खाता-खेसरा व स्वामी की जानकारी राजस्व विभाग से जुटाई जाएगी, जिसके बाद नोटिस भेजकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
रेरा पंजीकरण अब अनिवार्य
रेरा अधिकारियों ने दोहराया कि शहरी क्षेत्र में किसी भी अपार्टमेंट निर्माण या प्लॉटिंग कर जमीन बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे फ्लैट या प्लॉट खरीदने से पहले रेरा की वेबसाइट या क्यूआर कोड से परियोजना की वैधता की जांच करें।