NEWSPR डेस्क। सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को बीच में ही उड़ाने की साजिश थी। दहशतगर्दों ने लोकल केमिकल का इस्तेमाल कर आईईडी तैयार तैयार किया था। पर वे अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो पाए। दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में हैदराबाद में दबोचे गए सगे भाई इमरान मलिक उर्फ इमरान खान और मो. नासिर खान उर्फ नासिर मलिक से शुरुआती पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूरी साजिश पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के इशारे पर रची गई थी। दोनों भाइयों को जल्द ही एनआईए ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाएगी।
एनआईए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नासिर वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था। वहां उसने लश्कर के आतंकियों से ट्रेनिंग दी थी। इस दौरान उसे लोकल केमिकल का इस्तेमाल कर आईईडी बनाना भी सिखाया गया था। गिरफ्त में आए नासिर और इमरान ने सिकंदराबाद-दरभंगा ट्रेन में ब्लास्ट के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आईईडी तैयार किया था। हालांकि किसी कारणवश ट्रेन में धमाका नहीं हो पाया। दोनों ने पार्सल में जो आईईडी रखा था, वह बेहद खतरनाक है। धमाके के बाद इससे ट्रेन आग की चपेट में आ सकती थी।
दोनों भाई लश्कर के अपने हैंडलर के संपर्क में थे और उसी के इशारे पर ट्रेन में धमाका करने की साजिश रची गई थी। आतंकी धमाके के जरिए जानमाल को बड़ा नुकसान पहुंचाना था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों भाई अपने हैंडलर से बात करने के लिए सुरक्षित संचार माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे थे। नासिर और इमरान फिलहाल हैदराबाद के नामपल्लई में रहते थे पर दोनों मूलत: उत्तर प्रदेश के हैं।