भागलपुर के बेटे की डेडबॉडी 24 घंटे से MAX ने रोकी, 13 लाख बिल पर अड़ा, बूढ़े पिता, पत्नी पहले ही संपत्ति बेच दे चुके 15 लाख

Patna Desk

NEWSPR/DESK : दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल ने बिहार के एक परिवार के साथ ऐसा घृणित मजाक किया है, जिसको सुनकर ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं। भागलपुर के रहनेवाले पयोद कुमार की डेडबॉडी इस हॉस्पिटल के पास 24 घंटे से ज्यादा से गिरवी है। पहले ही पयोद के इलाज करवाने के लिये परिवार ने अपनी सारी पुश्तैनी जमीन बेच दी। कोरोना से वे निगेटिव होकर लौट आये तो पोस्ट कोविड काम्प्लीकेशन्स शुरू हो गये। फिर परिवार ने उन्हें इलाज के लिये हॉस्पिटल में भर्ती कराया। हॉस्पिटल तमाम इलाज के बाद भी पयोद की जान तो नहीं बचा सकी अलबत्ता उनकी डेडबॉडी को देने से पहले इलाज के 13 लाख रुपये जमा करने का फरमान सुना दिया। जबकि पयोध के बूढ़े पिता और पत्नी के पास अब कोई संपत्ति बेचने के लिये भी नहीं बची। वे पहले ही 15 लाख रुपये की संपत्ति बेचकर पयोध का इलाज करा चुके हैं। अभी 24 घंटे के बाद भी पयोद के डेडबॉडी को हॉस्पिटल से बाहर निकालने की जद‍्दोजहद जारी है। तमाम लोग पहुंच चुके हैं। जनसंवक पहुंच गये हैं लेकिन हॉस्पिटल पैसे को लेकर अड़ा हुआ है। उम्मीद है कि इतना दबाव पड़ने के बाद उनकी डेडबॉडी शाम तक परिजनों के हवाले कर दी जायेगी।

इस मामले में एबीपी न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार विकास भदौरिया ने ट‍्वीट किया- दिल्ली के MAX हॉस्पिटल में भागलपुर के पयोध कुमार इलाज के दौरान चल बसे, 16 घंटे से डेडबॉडी अस्पताल के क़ब्ज़े में हैं, वो इलाज के 13 लाख और माँग रहा है, परिवार 15 लाख खेत बेच के पहले ही दे चुका है, बूढ़े बाप और पत्नी के पास कुछ बचा नहीं है, कोई मदद करेगा? अमरजीत 8521775691


भदौरिया के इस मैसेज के बाद पयोध को किस भी तरह हॉस्पिटल से निकालने में कई लोग आगे आये हैं। तो वहीं ट‍्विटर पर इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि आखिर हॉस्पिटल ऐसा कैसे कर सकता है। प्रकाश कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद की अपील करते हुये ट‍्वीट किया है – @NitishKumar @officecmbihar कम से कम अंतिम यात्रा का अधिकार उस बूढ़े बाप और असहाय पत्नी को दीजिये। आख़िर ये कैसी मानवता है जो एक परिवार की मजबूरी नहीं समझ सकता। #MaxHospital इतने घंटे से वो शरीर पड़ा है यही गलती हैं कि वो अकेला है। मदद कीजिए महोदय।

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