कोरोना से रेलकर्मी की मौत, शव देखते ही भाई को आया अटैक तोड़ा दम

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। पटना जंक्शन के करबिगहिया स्थित रेलवे के सेंट्रल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एक रेलकर्मी की कोरोना से मौत हो गई। साथ रहे भाई ने शव देखा तो सदमे में उसकी भी मौत हो गई। घटना शनिवार सुबह करीब 6:30 बजे की है। मृत रेलकर्मी 45 वर्षीय रितेश कुमार घोष दानापुर मंडल के टीआरडी में हेल्पर खलासी था।

चार-पांच दिन से बीमार था और घर पर ही इलाज करा रहा था। शुक्रवार की सुबह 5 बजे स्थिति बिगड़ने पर उसे सेंट्रल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के वार्ड नंबर 404 में भर्ती कराया गया। लक्षण कोरोना का था, लेकिन उसकी आरटीपीसी जांच नहीं हुई थी।

उधर जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मौत होने का आरोप लगाया है। जबकि पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी की बात बिल्कुल गलत है। दानापुर रेलवे हॉस्पिटल को कोरोना डेडिकेटेड घोषित किया गया है। लेकिन, इस रेलकर्मी को जब करबिगहिया लाया गया तो उसे भर्ती कर लिया गया।

जिस समय भर्ती लिया गया, उसका ऑक्सीजन लेवल काफी कम था। डॉक्टरों के अनुसार उसे बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन 24 घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई। रेलकर्मी की मौत के बाद उसके भाई को फोन कर बुलाया गया। जैसे ही उसने अपने भाई का शव देखा वहीं उलट गया और उसकी भी मौत हो गई। दोनों दानापुर के खगौल इलाके के मोतीपुर में रहते थे। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि उस रेलकर्मी के घर में पांच लोग पहले से पॉजिटिव हैं।

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