गोपालगंज में दो और इथेनॉल फैक्ट्री लगाने की मांग, सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने लोकसभा में रखी बात

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। गोपालगंज के सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन ने लोकसभा में जिले में दो और इथेनॉल फैक्ट्री लगाने की मांग उठाई है। सांसद ने कहा कि विष्णु शुगर मिल हरखुआ और वर्षो से बंद पड़े मीरगंज के हथुआ शुगर मिल में इथेनॉल फैक्ट्री लगाने के लिए केंद्र सरकार से मांग की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर केंद्र सरकार बिहार में 17 से ज्यादा इथेनॉल फैक्ट्री लगाने का काम शुरू किया है। गोपालगंज में चार यूनिट दी गई है, जिसमें सिधवलिया शुगर मिल और सोनासती फैक्ट्री राजपट्टी में काम अंतिम चरण में चल रहा है। बिहार में 35.2 फ्यूल पैदा करने का लक्ष्य है।  शुगर केन, सिरा, मक्का, गेंहू, इत्यादि इथेनॉल तैयार करने वाला रिसोर्सेज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। शेष दो इथेनॉल फैक्ट्री खोलने के लिए गोपालगंज में विष्णु शुगर मिल और बंद पड़े मीरगंज शुगर मिल हथुआ को आवश्यक सहायता दी जाए, ताकि इथेनॉल फैक्ट्री चालू हो सके है और उसका उत्पादन हो सके।

बता दें कि पेट्रोल की जलनशीलता बढ़ाने के लिए उसमें इथेनॉल डाला जाता है। बिहार में पेट्रोल में इथेनॉल बनाने की अनुमति है। इथेनॉल मिलाने पर पेट्रोल में आक्टेन वैल्यू 2.5 प्रतिशत तथा ऑक्सीजन की क्षमता 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। इससे पेट्रोल इंजन में 100 प्रतिशत जलता है तथा निकलने वाला धुआं भी कम प्रदूषण करता है। इथेनॉल की उत्पादन और बिक्री की कीमत भारत सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है।

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है। जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है। गोपालगंज के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्रोत है, क्योंकि गोपालगंज और सीमावर्ती चंपारण और यूपी के जिलों में गन्ने की फसल की कमी नहीं है। अगर गोपालगंज में दो और इथेनॉल फैक्ट्री लगाने का काम शुरू हो जाय तो जिलेवासियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है।

गोपालगंज से मंजेश की रिपोर्ट

Share This Article