बक्सरः विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रचारक सह हरियाणा मठ के पीठाधीश्वर टीम के सन्तों की टोली प्रभु श्रीराम चन्द्र जी के जन्मस्थली अयोध्या फतह के बाद श्री रामचन्द्र जी के कर्मस्थली बक्सर इनदिनों पहुँची हुई है। बड़े ही गोपनीयता के साथ श्री रामचन्द्र जी के बक्सर में जुड़े स्थलों की जाँच कर रहा हैं।
वहीं स्वामी हरि नारायण गिरी का कहना है कि जिस प्रकार राम जन्मभूमि का विकास किया गया है। ठीक उसी प्रकार राम की कर्मभूमि बस्सर का भी विकास किया जाना आवश्यक है। बता दें आपको कि अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होकर वो बक्सर पहुंचे हैं।
स्वामी हरि नारायण गिरी ने बताया कि जिस प्रकार पूरे देश में राम जन्मभूमि को लेकर उत्साह का माहौल है, वह बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश की जनता राम जन्मभूमि को लेकर काफी उत्साहित है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक राम मंदिर के भव्य निर्माण के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि राम की कर्मभूमि बक्सर का भी बेहतर विकास हो सके। क्योंकि, बक्सर ही वह स्थली है जहां गुरु विश्वामित्र से शिक्षा प्राप्त करने के बाद राम ने पहली बार राक्षसों का संहार किया था।
उन्होंने कहा कि विकास के पैमाने पर राम की शिक्षा स्थली वह स्थान नहीं मिला है जो राम की जन्म स्थली को मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है की महर्षि विश्वामित्र की नगरी में महर्षि विश्वामित्र का आश्रम किसी दूसरे व्यक्ति के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर व जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे साथ ही वह प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें पत्र सौंपते हुए यह आग्रह करेंगे कि वह राम की शिक्षा स्थली बक्सर के विकास के लिए भी कोई प्रावधान करें। जिससे पर्यटन के मानचित्र पर उभरने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टिकोण से बक्सर को उसका खोया गौरव प्राप्त हो सके।
बक्सर से बबलू उपाध्याय की रिपोर्ट