NEWSPR DESK- बिहार पंचायत चुनाव में EVM विवाद भले ही सुलझ गया हो, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग के सामने मुश्किलें अब भी बरकरार हैं। M3 मॉडल EVM देने से ECIL के इंकार के बाद तय हो चुका है कि अब बिहार में पंचायत चुनाव सिंगल पोस्ट M2-EVM से ही होंगे। लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़़ी संख्या में EVM मिलेंगे कैसे?
बिहार के 8387 पंचायतों में चुनाव कराने के लिए 7 लाख से अधिक सिंगल पोस्ट EVM चाहिए। EVM उपलब्धता की जानकारी नहीं होने की वजह से ही चुनाव की तारीखों के एलान में देर हो रही है। इसमें अभी एक सप्ताह का वक्त और लग सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग के पत्र का इंतजार..
भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को EVM उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग पहले सभी राज्यों में EVM की उपलब्धता की जानकारी इकठ्ठा करेगा। उसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग को बिहार पंचायत चुनाव के लिए EVM की उपलब्धता की पूरी जानकारी मिल पाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी फिलहाल दिल्ली में ही हैं। उन्हें भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से आनेवाले पत्र का इंतजार है। EVM उपलब्धता रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग बैठक करेगा। फिर चुनावी तारीखों का एलान हो पाएगा।
पुरानी EVM के बावजूद बिहार पंचायत चुनाव होगा खास..
बिहार पंचायत चुनाव भले ही विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुए सिंगल पोस्ट EVM से होगा, लेकिन इसके बावजूद ये चुनाव सबसे खास होगा। बिहार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी पदों का चुनाव EVM से कराने की तैयारी की जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग की अपनी प्लानिंग के अनुसार चुनाव हुए तो बिहार पहला ऐसा राज्य होगा, जो पंचायत चुनाव पूर्ण रूप से EVM से कराएगा।
2016 के मुकाबले 64.58 लाख वोटर बढ़े..
वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव में कुल 57995873 वोटरों के लिए 119352 बूथ बनाए गए थे। अब 2016 की तुलना में 6458876 वोटर बढ़ गए हैं। इस बार वोटरों की कुल संख्या करीब 6.44 करोड़ है।