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जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाईन सलाहकार बोर्ड की बैठक का किया गया आयोजन, यौन शोषण से बच्चों को बचाने हेतु विद्यालयों में चलेगा अभियान

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NEWSPR डेस्क। पटना माननीय अध्यक्षा, जिला परिषद, पटना श्रीमती कुमारी स्तुति की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह की सह-अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाइन सलाहकार बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया। बाल यौन हिंसा को रोकने के लिए बच्चों को सुरक्षित एवं असुरक्षित स्पर्श के बारे में जागरूक करने हेतु अभियान की शुरूआत की गई। माननीय अध्यक्षा श्रीमती स्तुति एवं डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यौन शोषण से बच्चों को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है। इसके लिए विद्यालयों में नियमित रूप से कैम्पेन चलाया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बाल संरक्षण के प्रति समाज को संवेदनशील एवं जागरूक करने की आवश्यकता है। बच्चों की जिंदगी में गुणात्मक परिवर्तन के लिए सभी सतत प्रयत्नशील रहें। बाल देख-रेख संस्थानों में आवासित बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। बच्चों में कौशल विकास के लिए काम करें, उन्हें रोजगार से जोड़े, प्लेसमेंट का अवसर उपलब्ध कराएँ। सभी स्टेकहोल्डर्स-पुलिस, सिविल सोसाइटी, प्रशासन, रेलवे, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, कल्याण, किशोर न्याय परिषद्, आईसीडीएस, श्रम एवं अन्य- आपस में समन्वय स्थापित कर बाल संरक्षण के प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

बैठक की शुरूआत में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना श्री उदय कुमार झा द्वारा सभी सदस्यों का स्वागत किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि जिला बाल संरक्षण समिति का गठन जिला स्तर पर समेकित बाल संरक्षण योजना के कार्यान्वयन, मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं निगरानी हेतु किया गया है। पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सहायक निदेशक ने जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की विस्तृत चर्चा की तथा जिले में संचालित सभी बाल देखरेख संस्थानों एवं बच्चों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। पटना जिला में संचालित 14 आश्रय गृहों में 832 बच्चे आवासित हैं। गत 11 महीने में 1,024 बच्चें को घर पहुँचाया गया तथा अबतक 87 बच्चों को दत्तक ग्रहण संस्थानों में दिया जा चुका है। वर्तमान में 1,440 बच्चों को परवरिश योजना तथा 41 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया जा रहा है।

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बैठक में बाल श्रम रोकने, बच्चों में नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम, बाल विवाह की रोकथाम, अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों के अवैध दत्तक ग्रहण की रोकथाम हेतु प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करने पर जोर दिया गया। लैंगिक शोषण से बालकों के संरक्षण (पोक्सो) संबंधी जागरूकता फैलाने हेतु सुरक्षित स्पर्श एवं असुरक्षित स्पर्श से संबंधित एक पोस्टर का अनावरण किया गया। बच्चों को यौन शोषण से बचाने हेतु जिले के सभी विद्यालयों में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अभियान की शुरूआत की गई।

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. सिंह द्वारा बच्चों से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई करने का निदेश सभी हितधारकों को दिया गया। गृहों में आवासित बच्चों की सुरक्षा के लिए और इंतजाम करने का निदेश दिया गया। बच्चों को सभी योजनाओं का लाभ ससमय देने का निदेश दिया गया। उन्होंने बिहटा में निर्माणाधीन वृहद आश्रय गृह का समय-समय पर निरीक्षण करने का निदेश दिया ताकि निर्माण कार्य समय पूर्ण हो जाए और उसका लाभ बच्चों को मिल सके। डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी प्रखंडों में बाल संरक्षण समिति के गठन एवं ससमय बैठक कराने का निदेश दिया गया। सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि अपने क्षेत्र में पड़ने वाले बालिका गृह तथा कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय का नियमित रूप से निरीक्षण करें, बालिकाओं से बातचीत करें तथा उनकी समस्याओं से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराएं ताकि उनका निराकरण हो सके। यदि कोई गंभीर मामला संज्ञान में आए तो अविलंब उसकी सूचना जिलाधिकारी को दें ताकि उनका त्वरित समाधान किया जा सके।

डीएम डॉ. सिंह ने सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई को निदेश दिया कि महत्वपूर्ण दिवसों यथा शिक्षा दिवस, अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, महिला दिवस इत्यादि के बाल देख-रेख संस्थानों में आयोजन में माननीय अध्यक्ष, जिला परिषद को आमंत्रित कर आवासित बच्चों का इंटरैक्शन कराया जाए। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बाल संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। पूरी संवेदनशीलता के साथ हमलोगों को अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। इस अवसर पर जिला स्तर के कई पदाधिकारी, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पुलिस विभाग के पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर तथा अन्य सदस्य एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

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