दिवाली पर लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन विधि : हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि दिवाली की रात स्वयं भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आते हैं। ऐसे में लोग इस दिन विधिपूर्वक संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त देखकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं जिससे प्रसन्न होने पर देवी देवता व्यक्ति के जीवन में अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। हालांकि कई बार या किन्ही कारण वश कुछ लोग सही तरीके से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजन नहीं कर पाते हैं। आपकी इसी दुविधा का हल एस्ट्रोसेज लक्ष्मी पूजा और शुभ लाभ पूजा के रूप में लेकर आया है। जिसके साथ आप घर बैठे विद्वान पुजारियों से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजा सही विधि के साथ करवा कर उसका पूर्ण लाभ उठा सकते हैं।
बहुत सी जगहों पर दिवाली के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का भी विधान होता है। मां लक्ष्मी को साफ सफाई बेहद ही प्रिय होती है और यही वजह है कि दिवाली से पहले घरों की साफ सफाई की जाती है ताकि, दीवाली की रात्रि मां लक्ष्मी हमारे घर आए और हमारे घर में हमेशा रहें।
बहुत से लोग इस दिन पुरानी गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा को बहते पानी में प्रवाहित कर देते हैं और पूजा वाली जगह पर नई प्रतिमा रख लेते हैं। हालांकि यदि आप चाहें तो पुरानी तस्वीर/मूर्ति को किसी पेड़ के नीचे भी रख सकते हैं।
- दिवाली के दिन की पूजा से पहले घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। वातावरण की शुद्धता के लिए पूजा से पहले पूरे घर में और विशेष तौर पर पूजा वाली जगह पर गंगाजल अवश्य छिडकें। इसके बाद रंगोली बनाएं।
- पूजा प्रारंभ करें। इसके लिए सबसे पहले एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो रख दें। चौकी के पास एक कलश रख दें। इस कलश में जल भर लें।
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष दीप जलाएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन की पूजा में विशेष तौर पर जल, मौली, चावल, फल, गुड, हल्दी, अबीर, अवश्य देवी देवताओं को अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही मां सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु, और कुबेर देवता की भी पूजा करें। अपने पूरे परिवार के साथ इस पूजा में शामिल हों।
- पूजा के बाद घर की तिजोरी और व्यापारिक उपकरणों, किताब, बहीखाता की पूजा अवश्य करें।
- दिवाली पूजा के बाद अपनी श्रद्धा अनुसार और अपनी यथाशक्ति अनुसार जरूरतमंद लोगों के बीच खाने की चीज़ें, कपड़े, और अन्य जरूरी सामान दान करें।
- माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कैसे की जाएगी इस बारे में आप एकदम निश्चिंत रहें क्योंकि एस्ट्रोसेज की यह अनोखी पहल करेगी आपकी दुविधा दूर। ऐसे में यदि आप भी घर बैठे विद्वान पंडितों से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजा करना चाहते हैं तो अभी ऑनलाइन लक्ष्मी पूजा और शुभ लाभ पूजा के लिए यहां क्लिक करें।
दिवाली पूजा में अवश्य शामिल करें ये मंत्र :
“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥”
ॐ गं गणपतये नमः॥”
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दिवाली पूजा में अवश्य शामिल करें ये 6 चीजें :
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन की पूजा में यदि व्यक्ति इन 5 चीजों को शामिल कर ले तो इससे आपके जीवन पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है और साथ ही धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। क्या है वह पांच चीजें आइए जान लेते हैं:
शंख : दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में शंख अवश्य शामिल करनी चाहिए। कहते हैं पूजा में शंख शामिल करने से जीवन से दुख और दरिद्रता दूर होती है।
गोमती चक्र : महालक्ष्मी पूजन में गोमती चक्र शामिल करने के बाद इसे तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से बरकत होती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
जल सिंघाड़ा : महालक्ष्मी की पूजा में जल सिंघाड़ा का फल अवश्य शामिल करें। कहा जाता है यह मां लक्ष्मी के सबसे पसंदीदा फलों में एक होता है। ऐसे में इस फल से प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी व्यक्ति के जीवन से सभी संकट दूर करती हैं और व्यक्ति को खुशहाल जीवन का वरदान प्रदान करती हैं।
कमल के फूल : मां लक्ष्मी को कमल का फूल बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में दिवाली पूजन में कमल का फूल शामिल करने से व्यक्ति के जीवन में धन वृद्धि होती है और आजीवन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
समुद्र का जल : दिवाली की पूजा में यदि आप समुद्र का जल शामिल कर लें तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कहा जाता है देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति स्वयं समुद्र से ही हुई थी। इसी वजह के चलते समुद्र को देवी लक्ष्मी का पिता माना गया है। ऐसे में यदि आपको कहीं से समुद्र का जल मिल जाए तो पूजा में इसे अवश्य शामिल करें और पूजा के बाद पूरे घर में इसे अवश्य छिड़क दें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
मोती : महालक्ष्मी की पूजा में यदि मोती शामिल किया जाए और इसे अगले दिन धारण किया जाए तो इससे व्यक्ति को फायदा मिलता है। साथ ही व्यक्ति के आर्थिक पक्ष में वृद्धि देखने को मिलती है।