हादसे की वजह से 10 साल से पड़ा सुनसान, 250 साल पुराना पटना का ये ऐतिहासिक घाट, छठ नहीं होने से व्रतियों ने छोड़ दिया पर्व

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। जी हां पटना का वही अदालत घाट 250 साल पुराना ऐतिहासिक घाट जहां आज से 10 साल पहले भगदड़ मची थी। सन 2012 में छठ पूजा के दौरान मची भगदड़ में कई मासूमों की जान चली गई थी। अदालत घाट का एक एक सीढ़ी, उसका किनारा, परिसर आज भी इस बात का सबूत है की उस साल मची भगदड़ ने कई जिंदगियां छीन ली थी। सिर्फ एक अफवाह की वजह से इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई। कइयों ने वहां मौजूद मंदिर पर चढ़कर अपनी जान बचाई। वही कितनों ने अपनी जान खो दी। किसी की मांग सुनी हो गई तो किसी का वंश चला गया। आज भी उस पल को याद कर प्रत्यक्षदर्शियों के आंखों में आंसू आ जाते है। एक छोटी सी मानवीय भूल कितने घरों को सुना कर जाएगा यह किसी ने सोचा भी नहीं था।

उस घटना के बाद से आज तक इस घाट पर छठ नही हुआ। जिसको लेकर वहा के स्थानीय निवासी के मन में रोस रहता है। स्थानीय निवासी रामजी बताते है की मैंने उस घटना को अपनी आंखों से देखा है। आज भी उसे याद कर मेरा दिल दहल जाता है। पहले जब यहां छठ होता था तो कितना हलचल रहता है। अब यहां कोई झांकने भी नहीं आता है। लोग इस घाट का नाम सुनकर डर जाते हैं। वर्ष 2012 के बाद अब यहां पर कोई छठ पूजा नहीं होता।

NEWSPR से बातचीत में अदालत घाट निवासी राधिका देवी बताती है कि जब से 2012 के घटना के बाद से डर से मैं छठ का व्रत करना छोड़ दी। हम यहां 35 वर्षों से रह रहे है। लेकिन जब से भगदड़ वाली घटना हुई है। तब से छठ पर्व के समय इस घाट पर सन्नाटा छाया रहता है। यहां डर से कोई भी नहीं आता। उस वक्त मची भगदड़ में कितने लोगों को अपने घर में शरण दिया था पर अपनी आखों के सामने लोगों को मरते देख छठ करना छोड़ दिया।

उस घटना के बाद से आज तक इस घाट पर छठ नही हुआ। जिसको लेकर वहा के स्थानीय निवासी के मन में रोस रहता है। स्थानीय निवासी अनिता पांडे बताती है की मैंने उस घटना को अपनी आंखों से देखा है। आज भी उसे याद कर मेरा दिल दहल जाता है। पहले जब यहां छठ होता था तो कितना हलचल रहता है। अब यहां कोई झांकने भी नहीं आता है। लोग इस घाट का नाम सुनकर डर जाते हैं। वर्ष 2012 के बाद अब यहां पर कोई छठ पूजा नहीं होता।

उस घटना के बाद अदालत घाट को खतरनाक घाट घोषित कर दिया गया। जिसके बाद आज तक उस घाट पर छठ पूजा नहीं हुआ। घाट पर प्रतिनियुक्त कर्मचारी बताते हैं कि हमें खास इस घाट पर इसलिए रखा गया है कि यहां पर कोई भी व्रती छठ करने ना आए। अगर कोई आता है तो हम उसे निवेदन करेंगे कि इस घाट पर ना तो अरग दे और ना ही पूजन करें। वहीं जिला प्रशासन द्वारा पटना के कई घाटों को इस साल खतरनाक घाट घोषित किया गया हैं और सिविल डिफेंस के प्रतिनियुक्ति इन सभी घाटों पर की गई है।

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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