बिहार में बिजली की खपत ने तोड़े रिकॉर्ड, सावन में भी झेलनी पड़ रही है उमस भरी गर्मी

Jyoti Sinha

सावन का महीना चल रहा है, लेकिन बिहार के लोग अब भी तेज गर्मी और भारी उमस से परेशान हैं। इसका बड़ा कारण है धीमा पड़ा मानसून, जिसने मौसम में राहत लाने की बजाय लोगों की तकलीफें और बढ़ा दी हैं। लगातार बढ़ती गर्मी का सीधा असर बिजली की मांग पर पड़ रहा है, जो अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

बीते दो दशकों में 12 गुना बढ़ी बिजली की खपत

बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 20 सालों में राज्य में बिजली की खपत 12 गुना तक बढ़ चुकी है। वर्ष 2005 में जहां यह आंकड़ा मात्र 700 मेगावाट था, वहीं 2025 के जून महीने तक यह 9,000 मेगावाट के करीब पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

शनिवार को बिजली की खपत ने बनाया नया रिकॉर्ड

पिछले शनिवार की रात बिहार में अब तक की सबसे अधिक बिजली खपत दर्ज की गई। राज्य में कुल 8,560 मेगावाट बिजली खर्च हुई। इसमें दक्षिण बिहार में 4,393 मेगावाट और उत्तर बिहार में 4,167 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई।

प्रति व्यक्ति खपत में भी भारी बढ़ोतरी

बिजली खपत का यह आंकड़ा सिर्फ कुल खपत तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रति व्यक्ति ऊर्जा उपभोग में भी बड़ा उछाल देखा गया है। साल 2005 में जहां प्रति व्यक्ति बिजली खपत 75 किलोवाट थी, वह 2025 में बढ़कर 363 किलोवाट तक पहुंच गई है — यानी करीब पांच गुना की बढ़ोतरी

दो करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ता

बिजली कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में उपभोक्ताओं की संख्या दो करोड़ के पार पहुंच चुकी है। साल 2012 में खपत 1,751 मेगावाट, और 2014 में 2,831 मेगावाट तक थी, जो आज की तुलना में बेहद कम है। इससे स्पष्ट है कि गर्मी, शहरीकरण और बिजली उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है

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