NEWSPR डेस्क। बक्सर बिहार के बक्सर में आजादी के 75 साल बाद भी के दर्जनों गांवों की सूरत नहीं बदली है. यहां आज भी बीमार और गर्भवती महिलाओं को चारपाई पर उठाकर ग्रामीण अस्पताल ले जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में ग्रामीण जिलाधिकारी से सवाल पूछ रहे हैं कि ‘हम भी हिंदुस्तान में ही हैं, फिर उनके गांव का हाल ऐसा क्यों है.
सोशोल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो जिले के नवानगर प्रखंड के अतिमी पंचायत के अमीरपुर गांव की है. जहां आजदी के 75 साल बाद भी ग्रामीण एक बीमार व्यक्ति को चारपाई पर उठाकर चार कंधों के सहारे अस्पताल ले जा रहे हैं. जाड़ा, गर्मी, बरसात हर मौसम में, ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलने के लिए खेतों की पगडंडिओं का ही सहारा लेना पड़ता है. चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद फिर 5 साल बाद ही चुनाव में नजर आते हैं. आलम यह है कि, शादी में ग्रामीण दूल्हे को भी कंधे पर उठाकर मंडप तक ले जाते हैं. सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियों झेलनी पड़ती है.
केंद्र एवं राज्य की सरकारे जिस सुदूर गांव तक विकास पहुचाने का दावा कर रही है. यह गांव उनके विकास को आइना दिखा रही है. नवानगर प्रखण्ड मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित यह गांव विकास से कोसो दूर है. जहां सड़क के लिए भी ग्रामीण तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को फोटो और वीडियो भेजकर लिखा है. “माननीय जिलाधिकारी महोदय सर, आपको कुछ फोटो वीडियो भेज रहा हूं. यह हाल बिहार के बक्सर जिला के नवानगर प्रखंड के अंतर्गत अतिमी पंचायत के गांव अमीरपुर की है. जहां अभी भी रास्ता के अभाव में लोगों को बरसात के मौसम में इलाज के लिए खटिया पर लाद कर ले जाना पड़ता है. सर आपसे विनती है. आप इस पर विशेष कर थोड़ा ध्यान देने का कृपा करें. हमलोगों का गांव भी इसी जिले में है.”
ग्रामीणों ने बताया कि अमीरपुर गांव में कुल 3 वार्ड है. जिसकी आबादी लगभग 500 के आसपास है. पगडंडिओ के सहारे मुख्य सड़क तक पहुचने के अलावे कोई दूसरा रास्ता नहीं है. जबकि, गांव के नक्शा में 16 फिट का रास्ता मुख्य सड़क तक है. उसके बाद भी उसपर सड़क नहीं बनाया जा रहा है. अनजान बने अधिकारी: सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे इस वीडियो को लेकर जब नवानगर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी से मीडिया कर्मियों ने सड़क नहीं बनने का कारण पूछा तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि इस मामले को दिखवाते हैं कि सड़क क्यों नहीं बन पाया है. बता दें कि जिले के सिमरी, ब्रह्मपुर, राजपुर, नवानगर, डुमरांव , प्रखण्ड में कई ऐसे गांव हैं. जहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं और यहां आज भी लोगों के बीमार होने पर उसे कंधों के सहारे लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है.