शर्मनाक! बिहार के अस्पताल में पैसे के लिए ‘शव’ का इलाज, पूरी कहानी जानकर हो जाएंगे हैरान

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार में सरकारी अस्पतालों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। जब मरीजों को उचित इलाज नहीं मिलता, तो वे निजी अस्पतालों का रूख करते हैं। यहीं से शुरू होता है मरीजों और उनके परिजनों का आर्थिक दोहन। कुछ ऐसा ही मामला छपरा में सामने आया है। जहां एक निजी क्लिनिक ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रखकर पैसे के लिए कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां, लोगों के स्वास्थ्य मंदिर कहे जाने वाले अस्पतालों में धरती के दूसरे भगवान यानि डॉक्टरों का निवास होता है। वहां मरीज इस आसरे से जाता है कि वो ठीक होकर घर लौटेगा। लेकिन, पैसे कमाने की अंधी दौड़ में शामिल अस्पताल कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिससे पूरी चिकित्सा बिरादरी बदनाम होती है।

बिहार के छपरा में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। घटना मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बाजार समिति के पास स्थित निजी अस्पताल की है। जहां, इलाज चल रहे एक युवक की मौत हो गई। निजी अस्पताल की ओर से परिजनों से लाखों रुपये इलाज के नाम पर वसूल लिये गए। परिजनों ने युवक की पहले ही मौत होने की बात पता चली। फिर भी अस्पताल की ओर से इलाज के लिए पैसे लिए जाते रहे।

परिजनों ने युवक की मौत का पता चलते ही हंगामा शुरू कर दिया। शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने लगे। बड़ी संख्या में वहां लोग पहुंच गए। अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। परिजनों के मुताबिक 31 अक्टूबर को नगर थाना क्षेत्र के रौजा मोहल्ला निवासी कन्हैया माझी का 15 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार बुखार और सिरदर्द से परेशान हो गया। उसके बाद परिजनों ने उसे शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। अस्पताल में इलाज चलने लगा और परिजन पैसा जमा करने लगे।

इसी दौरान परिजनों को बताया गया कि प्रिंस कुमार की मौत हो गई। परिजन अचानक इस सूचना से भड़क गए और हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत पहले हो गई थी। सिर्फ पैसे के लिए उसकी डेड बॉडी को अस्पताल ने अंदर रखा था। जब पैसे वसूल लिये, तो उसे मृत घोषित कर दिया। आक्रोशित लोगों ने नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। परिजनों के मुताबिक युवक की मौत के बाद भी हजारों रुपये की दवाई मंगाई गई। पैसे लिए गए। मृत युवक को जिंदा बताकर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।

परिजनों के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने बाद में शव देने से मना कर दिया। अस्पताल की ओर से और पैसे की मांग की जाने लगी। घटना के बाद जब हंगामा बढ़ा, उसके वहां डीएसपी एमपी सिंह पहुंचे और लोगों को शांत कराया. पुलिस ने कहा कि नर्सिंग होम पर गंभीर आरोप लगा है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद नर्सिंग होम और दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Share This Article