NEWSPRडेस्क। मुजफ्फरपुर जिले के सदर थाना के खबड़ा में रहने वाली कृषि विभाग की ग्रेजुएट इंस्ट्रक्टर महाश्वेता घोष के 22 वर्षीय इंजीनियर पुत्र शशांक शेखर ने पंखे से फंदा लगाकर रविवार की शाम खुदकुशी कर ली। उस वक्त उसकी मां व बहन माड़ीपुर स्थित एक बाइक एजेंसी में सर्विंसिंग के लिए दी गई स्कूटी लाने गई थीं। घर आने के बाद घटना की जानकारी हुई।
बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी में था इंजीनियर
बता दें कि बेटा शशांक बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर था। वर्तमान में कोरोना की वजह से वर्क फ्रॉम होम में घर आया हुआ था। बीते कुछ दिनों में तनाव में था। डिप्रेशन में भी चला रहा था। उसे मनोचिकित्सक से दिखाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन वह तैयार नहीं हो रहा था। आवेश में आ जाता था। कुछ दिनों से वह बिल्कुल गुमसुम रहता था। किसी से ज्यादा बात भी नहीं करता था।
जब घर आइ मां तो पुत्र को पंखे में रस्सी से लतका देखा
महाश्वेता घोष ने पुलिस को बताया कि घर में दिनभर सब सामान्य था। दिन में सबने खाना खाया और अपना काम किया। शाम में वह स्कूटी लाने एजेंसी गई। उस वक्त तक सबकुछ ठीक था। जब लौटी तो गेट का ताला खोलकर मकान के अंदर गई। कमरे में देखा कि पुत्र ने पंखे में रस्सी से फंदा लगा रखा था। इसके बाद मां-बेटी ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसपर आसपास के लोग जुटे और स्थानीय लोगों की मदद से शशांक को फंदे से उतारकर सदर अस्पताल लाया गया, जहां इमरजेंसी में तैनाती डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। नगर थाने को इसकी सूचना दी गई। नगर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा। महाश्वेता घोष का बयान दर्जकर आगे की कार्रवाई के लिए सदर थाने को आवेदन भेज दिया गया है।
कमरे से नहीं मिला सुसाइड नोट
बता दें कि नगर थाने के दारोगा सुनील कुमार पंडित और राजपत कुमार ने शशांक की मां और बहन से पूछताछ की। महाश्वेता घोष ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से भागलपुर की रहने वाली हैं। 10 वर्ष से अधिक से समय से खबड़ा में बेटी के साथ रहती हैं। पति वित्त रहित कॉलेज में प्रोफेसर थे। सात साल पहले ब्रेन टूयूमर से मौत हो गई। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि शशांक के लैपटॉप व मोबाइल को पुलिस जब्त करेगी। इससे खुदकुशी की वजहों का खुलासा हो सकता है। फिलहाल सदर पुलिस ने घर जाकर छानबीन की है, लेकिन कमरे से सुसाइड नोट या कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं बरामद नहीं हुई है।