16 दिन बीत जाने के बाद भी अबतक पीएमसीएच के डॉक्टर अजय कि तलाश में जुटी है पुलिस

Patna Desk

16 दिन बीत जाने के बाद भी पीएमसीएच के डॉक्टर अजय को पीरबहोर पुलिस ने गिरफ्तार नही कर पाई। डॉक्टर अजय को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने वैशाली और मुजफ्फरपुर में छापेमारी की हालांकि डॉक्टर अजय वहां नही मिला था। वही डॉक्टर अजय ने पटना सिविल कोर्ट में बेल के लिए चिरकुट भी फ़ाइल कर दिया अपने अधिवक्ता के माध्यम से। पुलिस ने पटना एम्स के डॉक्टर सहित पीएमसीएच के डॉक्टर से भी खाली चेक के बारे में पूछताछ की है लेकिन किसी ने संतोषजनक जबाब नही दिया है। वही पटना एसएसपी अवकाश कुमार ने टीओपी प्रभारी को पहले शराब के मामले में गिरफ्तारी का आदेश दिया है।

वही पुलिस ने बताया कि अजय के साथ साथ एमबीबीएस और पीजी के 5 डॉक्टर भी रडार पर है। जल्द ही उन्हें भी हिरासत में लेगी।पुलिस की माने तो डॉक्टर अजय का लोकेशन एनएमसीएच, एम्स सहित नालंदा का मिल रहा है।वही आपको बता दे कि 8.1.25 को अजय को पीरबहोर थाना की पुलिस पकड़ कर टीओपी ले गई थी जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर अजय को छोड़ दिया है। बीते सोमवार के दिन सीबीआई की टीम भी पीएमसीएच गई थी और करीब 4 घण्टे जांच की, हालांकि सीबीआई ने पीरबहोर और टीओपी थाना को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी प्रकार की जानकारी मिलती है तो साझा करें।*क्या था पूरा मामला*पीएमसीएच के चाणक्य हाॅस्टल में बीते दिनों दूसरे तल्ले पर मेडिकल स्टूडेंट अजय सिंह के रूम में आग लग गई थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड के तीन गाड़ी मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया था। वही इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ था। उसके रूम से करीब 10-12 लाख के 500-500 और 100 – 100 के जले हुए नोट मिले हैं। साथ ही नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड भी मिला था। इसके अलावा आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का जला हुआ ओएमआर शीट के साथ एक शराब की आधी खाली बोतल मिली थी।डॉक्टर अजय कुमार सिंह जो कि समस्तीपुर जिले का रहने वाला है। वह 2022 में पीजी पास कर चुका था, और यही नही बल्कि छठा तल्ला पर 625 रूम नम्बर का रूम, द्वितीय तल्ला पर जिसका रूम नम्बर नही लिखा हुआ था और ग्राउंड फ्लोर पर एक रूम है जो कि किसी दूसरे डॉक्टर के नाम पर अलॉट किया हुआ है कब्जा किये हुए था।*मोटी रकम लेकर एमबीबीएस और नीट यूजी में बैठाता था स्काॅलर*वही सूत्राें का कहना था कि अजय एमबीबीएस और नीट यूजी समेत अन्य मेडिकल काॅलेज में दाखिला कराने के लिए स्काॅलर काे बैठाता था। स्काॅलर बैठाकर अभ्यर्थियाें और उसके परिजनाें से माेटी रकम वसूल करता था। यही नहीं वह एमबीबीएस के इंटरनल एग्जाम में भी एमबीबीएस पास आउट काे बैठाकर मेडिकल स्टूडेंट काे पास कराता था।

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