बिहार में पुल के धंसने का सिलसिला जाड़ी है एक और मामला सामने आया है।जो किशनगंज जिले के गलगलिया से पौवाखाली के बीच गौरी चौक के पास सड़क चौड़ीकरण में निर्माणाधीन पुल का पाया धंसने से स्थानीय लोग चिंतित हैं।आपको बता दें कि एनएच 327 ई पर 94 किमी लम्बे गलगलिया से अररिया एन एच 327 ई का
1546 करोड़ की राशि से सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है।किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड से बहादुरगंज प्रखंड के बीच गोरी चौक स्थित मेची नदी पर इस निर्माणाधीन 6 स्पेन के पुल का पाया बीच से धंस गया है।पहली बरसात में ही पुल का एक पाया धंसने से इसका निर्माण कर रही कम्पनी जीआर इन्फ्रा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अभी इस सड़क पर दर्जनों पुल का निर्माण होना शेष है।
आश्चर्य वाली बात है कि सीजन की पहली बारिश में ही पुल ठहर नही पाया।जबकि नदी में सिर्फ बरसाती पानी ही है।नदी में पानी नही होने के बावजूद भी निर्माणाधीन पुल के पाए के धंसने से लोगो ने निर्माण कार्य की गुणवता को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।वहीं इस मामले में NHAI पूर्णिया के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया की पुल पर अभी यातायात चालु नहीं हुआ है।इस मामले की जांच करवाई जाएगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नही होगा।
सामरिक दृष्टिकोण से यह सड़क अतिमहत्वपूर्ण माना जाता है अररिया-गलगलिया फोरलेन सड़क 94 किमी लंबी है।इसके निर्माण पर 1546 करोड़ खर्च हो रहे है । सड़क का निर्माण दो पैकेज में हो रहा है । पहले पैकेज में गलगलिया से बहादुरगंज के बीच सड़क है ,जो 49 किमी लंबी है। इसके निर्माण में सिविल लागत 599 करोड़ जबकि इस परियोजना पर कुल 766 करोड़ खर्च होना है।वहीं दूसरे पैकेज में बहादुरगंज से अररिया के बीच सड़क का निर्माण होने वाली 45 किमी लंबी इस सड़क की सिविल लागत 598 करोड़ है वहीं कुल खर्च 780 करोड़ 32 लाख होने है।
अररिया से गलगलिया के बीच फोर लेन सड़क बनने से बिहार-नेपाल के समानांतर एक और सड़क हो जाएगी। जो आपात स्थिति में एनएच 57 के एक विकल्प के रूप में काम आएगी। वहीं अररिया के अलावा सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों से नेपाल और बंगाल आना-जाना और भी आसान हो जाएगा। यह सड़क भारत चाइना वार के समय काफी रोल अदा किया था, जबकि सिंगल लेन सड़क हुआ करती थी, इसमे गुणवत्ता पूर्ण निर्माण काफी जरूरी l