News PR Live
आवाज जनता की

EXCLUSIVE- 50 हजार काफी है किसी की हत्या के लिए, कोई पांच लाख क्यों खर्च करेगा?

- Sponsored -

- Sponsored -

NEWSPR DESK-सूत्र- इंडिगो एयरलाइन्स के पटना स्टेशन हेड रूपेश सिंह की कोल्ड ब्लडेड मर्डर मिस्ट्री को पटना पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है, क्योंकि तफ्तीश के लिए एंगल तो बहुत हैं पर सवाल सिर्फ एक। जब हत्या 50 हजार की सुपारी देकर कराई जा सकती है तो फिर मरवाने वाले ने पांच लाख (एक अनुमानित राशि/बड़ी रकम) क्यों खर्च की?

अमूमन 50 हजार की सुपारी लेने वाला किलर तो अचूक निशानेबाज होता है मगर देसी कट्टा लेकर आता है। वो ऐसा करता कि रूपेश गाड़ी से उतरते और वो ठोकता, निकल जाता। इसमें शिकार के बचने की संभावना लगभग 25 प्रतिशत तक रहती है।

चाय में थोड़ी और शक्कर डाली जाती, मतलब 25-50 हजार रुपये अधिक खर्च किये जाते तो 9 एमएम पिस्टलधारी सुपारी किलर वारदात को अंजाम दे सकता था। लेकिन, वो दो-तीन गोली से अधिक नहीं चलाता और खुद के भागने पर उसका अधिक ध्यान रहता।

जिस तरीके से रूपेश की गाड़ी और शरीर पर गोलियों की बौछार की गई। दो की संख्या में रहे सुपारी किलर ने 15-20 राउंड गोली खर्च कर दी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन्हें मुंह मांगी कीमत यानी एक बड़ी धनराशि मिली होगी। संभव है कि प्लानिंग के तहत मौका-ए-वारदात पर अपराधियों की कोई बैकअप टीम भी रही हो, जो विकट परिस्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती। क्योंकि, ये कोल्ड ब्लडेड मर्डर है।

- Sponsored -

- Sponsored -

अब सवाल ये है कि अनुचित कारण के लिए कोई इतनी बड़ी प्लानिंग कर सकता? प्यार, मोहब्बत वाला सीन तो बंद कमरे में ही धोखे के साथ दम तोड़ देता है। अगर प्लानिंग के तहत हत्या भी कराई जाए तो इस तरीके से तब तक नहीं हो सकती, जब तक दुश्मन के दुश्मन ने यारी नहीं की हो। पर, इस पूरे केस में ऐसा एंगल नहीं दिख रहा।

तफ्तीश की दूसरी कड़ी इस ओर इशारा करती है कि इतनी बड़ी रकम खर्च कर अगर कोई किसी की हत्या करवाता है, तो उसे इसके बदले में बड़ा मुनाफा होने वाला होगा। यहां संदेह गहरा रहा है, क्योंकि रूपेश गोपालगंज में जल संसाधन विभाग के करोड़ों रुपये के ठीके पर काम करने वाले थे। इसमें पटना पुलिस को लोचा लग रहा है।

कहा जा रहा है कि बिहार पुलिस की रंगदारी सेल की एक टीम गोपालगंज के लिए रवाना हो चुकी है। सारण डीआईजी मनु महाराज से भी टीम मदद ले रही है। इस ठीके में कौन कौन लोग शामिल हैं और विवाद का कारण क्या है? इसका पता लगाया जा रहा है। इस खेल में एक बड़े राजनेता की संलिप्तता पर भी आशंका जताई जा रही। राजाजी के जिस कारिंदे की बदौलत रूपेश की जल संसाधन विभाग में एंट्री हुई, वो साहब अभी मौन हैं। अब तक उनकी एक भी प्रतिक्रिया टीवी या अखबार में देखने को नहीं मिली। वैसे भी वे ग्लैमर से दूर रहते हैं।

(पूरी जानकारी पटना पुलिस की एसआईटी में शामिल एक अधिकारी से बातचीत के आधार पर है)

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.