झारखंड की पंचायतों को दोबारा एक्सटेंशन देने पर जल्द फैसला होगा. फिलहाल पंचायतों की कमान मुखिया की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति के पास है. इसी व्यवस्था को अगले छह माह तक और विस्तार देने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी की जा रही है. पहले 22 जून को होनेवाली कैबिनेट मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा जाना था, लेकिन अब ऐसा शायद ही हो पाये. 22 जून के बाद जब भी कैबिनेट मीटिंग होगी, उसमें पंचायतों की मौजूदा व्यवस्था को विस्तार देने पर मुहर लगने की संभावना है l
त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत पंचायतों के एक्सटेंशन कैसे दिया जाये, इसका अध्ययन किया जा रहा है. इसके लिए झारखंड सरकार की पंचायती राज नियमावली और भारत सरकार के पंचायती राज अधिनियम दोनों का अध्ययन किया जा रहा है.
पंचायती राज विभाग लगातार एक माह से विशेषज्ञों के साथ राय-मशविरा कर रहा है कि कैसे पंचायतों का कार्यकाल आगे बढ़ाया जाये
विकल्पों पर भी विचार
राज्य में पंचायत चुनाव होने तक पंचायतों के कार्यकाल के विस्तार पर कई पहलुओं पर विचार चल रहा है. इस बार मुखिया के हाथ में दोबारा कमान के देने के अलावा प्रखंड विकास पदाधिकारियों के हाथ में पंचायत की सत्ता सौंपने के विकल्प पर भी बात उठी है. विभाग प्रस्ताव तैयार करके राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के समक्ष सौंपेगा.
यह प्रयास हो रहा है कि सारी प्रक्रिया पूरी कर 22 के बाद वाली कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी ली जाये. यानी जून माह के अंत में पंचायतों के अवधि विस्तार पर फैसला के लिए एक बार फिर कैबिनेट बैठेगी और प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया जायेगा.
दिसंबर में हुआ था कार्यकाल समाप्त, मिला था छह माह का एक्सटेंशन
त्रिस्तरीय पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल दिसंबर माह में समाप्त हो गया था. कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाया. इसके बाद बाद राज्य सरकार ने सात जनवरी की तिथि से ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर पंचायतों को छह माह का अवधि विस्तार दिया.
इसकी अवधि अब सात जुलाई को समाप्त हो रही है. ऐसे में मुखियाओं द्वारा फिर से जनहित में पंचायतों को एमपी-बिहार की तर्ज पर अवधि विस्तार देने की मांग कर रहे हैं
हर पंचायत में पांच से छह करोड़
पंचायतों के जरिये बड़े पैमाने पर राज्य में विकास के कार्य किए जाते हैं. 14वें वित्त आयोग के साथ-साथ 15वें वित्त आयोग से सभी योजनाएं चल रही हैं.
इसके अलावा भी कई विभागों की योजनाएं चल रही हैं. सूत्रों के अनुसार लगभग हर पंचायत में विकास के कार्य के लिए पांच-छह करोड़ रुपये पड़े हैं. राज्य में 4421 पंचायतें हैं.
पंचायतों के कार्यकाल पर जल्द लेंगे फैसला: आलमगीर
ग्रामीण विकास सह पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने पर जल्द फैसला लेंगे.सोमवार को अधिकारियों संग मीटिंग है.इसमें प्रस्ताव को अंतिम रूप रेखा दी जाएगी. 22 के बाद की कैबिनेट में निर्णय लिया जायेगा