बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर बलुआ गांव में कर्ज के बोझ से दबे एक परिवार ने सामूहिक रूप से जहर खा लिया। इस हृदयविदारक घटना में परिवार के मुखिया कन्हैया महतो (45) की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गीता देवी, बेटी सविता कुमारी (16), बेटे धीरज कुमार (12) और राकेश कुमार (8) की हालत गंभीर है।
घटना का विवरणपुत्री सविता कुमारी ने बताया कि उनके पिता पर काफी कर्ज हो गया था, और किस्त वसूलने वालों के लगातार दबाव से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। सविता के अनुसार, पिता ने पहले भाइयों और उसे जहर खाने को मजबूर किया और फिर खुद और मां गीता देवी ने भी अनाज में डालने वाली जहरीली टिकिया खा ली। हालांकि, सबसे छोटे भाई राकेश ने टिकिया मुंह में डालने के बाद बाहर निकाल दी।
घटना की जानकारी मिलते ही कन्हैया महतो की भाभी बीना देवी ने बताया कि रात 2 बजे परिवार के छोटे सदस्य ने उन्हें सूचना दी। आनन-फानन में सभी को अमरपुर रेफरल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ज्योति भारती ने प्राथमिक इलाज के बाद चारों की गंभीर स्थिति को देखते हुए भागलपुर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया।रास्ते में हुई मौतभागलपुर ले जाने के दौरान कन्हैया महतो की मौत हो गई। शेष तीन की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।पारिवारिक संकट का कारणपरिवार के लोगों ने बताया कि कन्हैया महतो कर्ज और आर्थिक दबाव से बुरी तरह परेशान थे। वसूली एजेंटों के बार-बार तगादे ने उन्हें मानसिक रूप से टूटने पर मजबूर कर दिया।घटना की जानकारी के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। मामले की जांच जारी है, और परिवार को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।यह घटना कर्ज और आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।