पटनाः बिहार के कृषि मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों में पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय की स्थापना की स्वीकृति एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 1410.48 लाख रूपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में 8402 पंचायतों में से 5050 सरकारी भवनों में कृषि कार्यालयों की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त जिस पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं हुआ है, उस पंचायत में किराये के कमरे लिये गये हैं तथा इसके लिए किराया उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे 3352 पंचायतों में कृषि कार्यालय के लिए प्रति पंचायत अधिकत्तम 1,000 रूपये प्रतिमाह की दर से कुल 402.24 लाख रूपये इस वित्तीय वर्ष में किराये पर व्यय की जायेगी।
डॉ० प्रेम कुमार ने बताया कि पंचायतों में कृषि कार्यालय खुल जाने से राज्य के अन्नदाता किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखण्ड अथवा जिला कृषि कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब किसानों को 20-25 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखण्ड/जिला आने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे किसानों का आर्थिक बोझ घटेगा। अब उन्हें अपने ही पंचायत के कृषि कार्यालय में कृषि समन्वयक तथा किसान सलाहकार द्वारा विभागीय योजनाओं का लाभ एवं कार्यक्रमों के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न फसलों के बारे में तकनीकी ज्ञान भी दिया जायेगा। पंचायत कृषि कार्यालय में किसान सलाहकार नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे, इसके अतिरिक्त कृषि समन्वयक भी हर सप्ताह में 3-3 दिन प्रत्येक पंचायत कृषि कार्यालय में उपस्थित रह कर अपने कार्यों का सम्पादन करेंगे।
डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि पंचायत स्तर पर कार्यरत कृषि कार्यालय खुल जाने से राज्य के किसानों बीच कृषि से संबंधित नवीनत्तम तकनीक का त्वरित प्रचार-प्रसार हो पायेगा। कृषि प्रसार तंत्र सुदृढ़ होगा तथा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जमीनी स्तर पर सफल कार्यान्वयन किया जा सकेगा। इसके साथ ही, किसानों को उनके दरवाजे अर्थात् पंचायत अथवा ग्राम स्तर पर कृषि विभाग की योजनाओं का समुचित लाभ मिल पायेगा तथा महात्मा गाँधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार होगी।