NEWSPR डेस्क। NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने माना है कि राजधानी पटना की हवा जहरीली है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनजीटी ने पटना सहित प्रदेश के कई शहरों और कस्बों में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। 10 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक लगी इस रोक के बाद भी दुकानें सजी हैं और पटाखे फोड़े जा रहे हैं। मतगणना के बाद नेताओं के चुनावी जश्न से शुरू हुआ आतिशबाजी का सिलसिला दिवाली तक जारी है।
पटना में प्रशासन ने कागजों में पाबंदी लगा दी है, जबकि शहर के पॉश इलाकों में भी दुकानें सजी हैं। पटाखों का इस्तेमाल बिना रोक-टोक किया जा रहा है। NEWSPR ने जब एनजीटी के आदेश पर प्रशासन की सख्ती जाननी चाही तो देखा पटना सिटी से लेकर शहर के अन्य मोहल्लों में पटाखों कि बिक्री हो रही है।
एनजीटी ने दिवाली पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सोमवार को सख्त फैसला लिया है। 10 नवंबर से 30 नवंबर तक बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, गया, दिल्ली-एनसीआर के साथ उन सभी शहरों/कस्बों में पटाखे बेचने और इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है, जहां पिछले साल नवंबर में हवा विषैली थी।
फैसले को लेकर एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस एके गोयल ने कहा, हमारे देश में खुशी जाहिर करने के लिए पटाखे जलाए जाते हैं, न कि किसी की मौत या बीमारियों का जश्न मनाने के लिए। कोरोना काल में पटाखे जलाने पर प्रदूषण बढ़ेगा तो संक्रमण का खतरा भी। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सबसे प्रदूषित 122 शहरों के नाम एनजीटी को देकर पटाखों की बिक्री रोकने की सिफारिश की थी, जिसमें पटना भी संवेदनशील शहरों में से एक था।
एनजीटी के आदेश को लेकर जब NEWSPR के रिपोर्टर विक्रांत ने पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई। पटना में शाम होते ही हर दस मिनट पर पटाखों की आवाज आ रही है। जब पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है तो लोगों को पटाखे मिल कहां से रहे हैं, इस सवाल के जवाब में जब NEWSPR के रिपोर्टर विक्रांत ने पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पटना सिटी के खाजेकलां, मछरहट्टा, पूरब दरवाजा और वश्चिम दरवाजा के साथ बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड, न्यू मार्केट, नाला रोड, दीघा, राजा बाजार, राजीवनगर के साथ अन्य बड़े बाजारों-मोहल्लों में पटाखों की दुकानें सजी दिखीं।
एनजीटी के आदेश का अनुपालन कौन करा रहा है। यह बड़ा सवाल है। जिला प्रशासन को इस आदेश का अनुपालन कराना था, लेकिन वह इसे लेकर गंभीर नहीं है। सवाल यह है कि जब जिला प्रशासन ने आदेश ही नहीं दिया और ना ही किसी को अस्थायी लाइसेंस दिया तो पटाखा बेचा कैसे जा रहा है।
पुलिस की मिलीभगत तो नहीं
पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी को लेकर अब पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस को ही एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में कार्रवाई करनी है, लेकिन कोई भी थाना ऐसा नहीं है, जिस क्षेत्र में पटाखों की बिक्री नहीं हो रही हो। हर क्षेत्र में दुकानें सज गई हैं और पटाखे बिना रोक-टोक बेचे और फोड़े जा रहे हैं।
एनजीटी के आदेश के बाद भी पटना में पटाखों की दुकानों को लेकर अनदेखी की जा रही है। कदमकुआं, मछुआटोली, भिखना पहाड़ी, अशोक राजपथ, बोरिंग कैनाल रोड बुद्धा कॉलोनी और एसके पुरी थाना से सटे हैं। इसके बाद भी बोरिंग कैनाल रोड पर पटाखों की आधा दर्जन से अधिक दुकानें लगी हैं। पाटलिपुत्रा के अल्पना मार्केट में भी खूब दुकानें सजी हुई हैं, कहीं कोई रोक-टोक नहीं है।