NEWSPR डेस्क। बाढ़ गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण गंगा का पानी सती स्थान में घुस गया है जिससे शव जलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि श्मशान घाट पर बना शवदाह गृह तो पहले से क्षतिग्रस्त था और जो बचा भाग था उस पर शव जलाया जाता था। लेकिन अत्याधिक जल स्तर बढ़ने के कारण अब वहां भी शव जलाने के लिए जगह नहीं है और जो जगह था वहां भी पानी ही पानी हैं।
श्मशान घाट पर लकड़ी का व्यवसायी हैं उनका कहना है कि अगर दो तीन शव एक साथ आ जाए तो उन्हें जगह के कमी के कारण चार पांच घंटे तक जलने के लिए इंतजार करना पड़ता है। तब दूसरे शव की बारी आती है। इससे शव जलाने वाले को लम्बा इंतजार करना पड़ता है। वहीं लकड़ी व्यवसायियों का कहना अचानक पानी बढ़ जाने के कारण उन्हें काफी क्षति हुई है। 50 हजार के लकड़ी पानी में बह गये। जिसका भरपाई करना उनके लिए मुश्किल हो गया है। वहीं पानी के बढ़ जाने के कारण लकड़ी की बिक्री भी कम हो गई है। जिससे आजीविका चलाने में भी उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है।